तंबाकू और सिगरेट बेचने के लिए अब लेना होगा लाइसेंस- आदेश जारी
बगैर लाइसेंस के पकड़े जाने पर जुर्माना भी होगा। पहली बार पकड़े जाने पर 2000 का जुर्माना साथ बिक्री करने वाला का समान जप्त कर लिया जाएगा।
लखनऊ। यूपी में अब सिगरेट तंबाकू बेचने के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था को सभी नगर निगम वाले शहरों में लागू करने के लिए नगर विकास विभाग ने तंबाकू उत्पादन लाइसेंस शुल्क का निर्धारण, विनिमय और नियंत्रण एवं अनुज्ञप्ति शुल्क उपविधि-2021 का प्रारूप जारी कर दिया गया है। साथ ही सभी नगर निगमों को इस उपविधि को अपनी अलग करने के संबंध में बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित कराने के लिए कि 31 जुलाई तक लागू करने और शासन को सूचना भेजने का भी निर्देश दिया गया है। इस विधि के लागू होने के बाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में कोई भी दुकानदार बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद की बिक्री नहीं कर पाएगा। थोक बाजार बिग बाजार, जनरल मर्चेंट,किराना दुकान, गुमटी आदि पर तंबाकू उत्पादक की बिक्री अवैध मानी जाएगी। बगैर लाइसेंस के पकड़े जाने पर जुर्माना भी होगा। पहली बार पकड़े जाने पर 2000 का जुर्माना साथ बिक्री करने वाला का समान जप्त कर लिया जाएगा। जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार का जुर्माना देना होगा। इसी प्रकार तीसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार का जुर्माना होने के साथ साथ एफ आई आर भी दर्ज होगी।
लखनऊ नगर निगम को छोडकर अब शेष 16 नगर निगमों अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद वृंदावन-मथुरा, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली व शाहजहांपुर में भी इस प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे ने इस सबंध में आदेश जारी कर दिया है।
लाइसेंस लेने वाला केवल भारतीय उत्पाद या केंद्र सरकार के आयत नियमों के मुताबिक मंगाए गए सामान ही बेच पाएगा। उपविधि में लाइसेंस के लिए पात्रता का भी निर्धारण किया गया है। लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होने के साथ ही आवेदनकर्ता की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और आधार कार्ड होना अनिवार्य होगा। शहर के बाहर का आधार कार्ड होने पर पार्षद से सत्यापना कराना होगा। शैक्षिक संस्थान से 100 गज के भीतर स्थित दुकान को तंबाकू बेचने के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। स्ट्रीट वेंडर नीति के अनुसार अस्थाई दुकानदार को भी लाइसेंस दिया जाएगा।
उपविधि के मुताबिक लाइसेंस लेने वाले दुकानदारों को पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण एक बार में सिर्फ एक साल के लिए ही किया जाएगा। इसके बाद उसका नवीनीकरण कराना होगा। अस्थाई दुकान के लिए 200 रुपये और स्थाई दुकान के लिए 1000 रुपये पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा। इसी प्रकार थोक बिक्री के लिए 5000 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। एक साल बाद नवीकीरण कराने पर भी थोक बिक्री के लिए 5000 रुपये और स्थाई दुकान के लिए 200 व फुटपाथ या गुमटी लगाने वाले अस्थाई दुकानदारों को 100 रुपये पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा।