जेल मिनिस्टर और डीजीपी जेल ने किया लोकार्पण
लखनऊ। जेल वार्डर संवर्ग को बेहतर प्रशिक्षण व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ ही महिला अफसरों और जेल वार्डर कार्मिकों को अलग अलग आवासीय सुविधा के लिए डा. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान परिसर लखनऊ अब और भी सुदृढ़ हो गया है।
लखनऊ। जेल वार्डर संवर्ग को बेहतर प्रशिक्षण व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ ही महिला अफसरों और जेल वार्डर कार्मिकों को अलग अलग आवासीय सुविधा के लिए डा. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान परिसर लखनऊ अब और भी सुदृढ़ हो गया है। राज्य सरकार के कारागार एवं लोक सेवा प्रबन्धन विभाग के राज्यमंत्री जयकुमार जैकी ने पुलिस महानिदेशक कारागार आईपीएस आनन्द कुमार के साथ संस्थान में नवनिर्मित व्याख्यान कक्ष एवं महिला छात्रावास भवन का लोकार्पण किया।
डा. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान परिसर, लखनऊ में बुधवार को लोकार्पण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य के कारागार राज्यमंत्री जयकुमार जैकी ने डीजी जेल आनन्द कुमार व अन्य विभागीय अफसरों की मौजूदगी में नवनिर्मित भवन प्रशिक्षणार्थियों के हितों के लिए संस्थान को समर्पित किया। इस अवसर पर राज्यमंत्री जयकुमार जैकी ने कारागार विभाग के कार्मिकों के प्रशिक्षण पर बल देते हुए कहा कि संस्थान में प्रशिक्षण की नवीनतम तकनीक अपनायी जाये, जिससे कारागार विभाग के अधिकारियों के साथ ही कर्मचारी कुशलतापूर्वक एवं दक्षतापूर्वक कारागार विभाग की चुनौतियों का सामना कर सकें।
प्रशिक्षण संस्थान में इन संसाधनों की उपलब्धता को लेकर महानिदेशक कारागार आनन्द कुमार ने बताया कि डा. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान परिसर में 100-100 सीटिंग क्षमता के 02 व्याख्यान कक्षों का निर्माण यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा 153.82 लाख तथा 26 महिला कार्मिकों की क्षमता के छात्रावास का निर्माण 266.10 लाख रुपये की धनराशि से उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड द्वारा कराया गया है। उन्होंने बताया कि व्याख्यान कक्षों के निर्माण से जेल वार्डर संवर्ग के 200 प्रशिक्षणार्थियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जाना सम्भव हो सकेगा। इसी प्रकार महिला छात्रावास के निर्माण से महिला अधिकारियों एवं जेल वार्डर कार्मिकों को अलग एवं सुविधाजनक आवासीय संसाधन और सेवा प्राप्त हो जायेगी। उन्होंने बताया कि महिला छात्रावास भवन में 06 महिला अधिकारियों हेतु कक्ष, महिला जेल वार्डर हेतु 10-10 क्षमता की 02 डारमेट्री सहित कुल 26 क्षमता की आवासीय उपलब्धता, इस छात्रावास में एक किचन तथा डाइनिंग हाॅल के साथ 02 स्टोर और एक स्वागत कक्ष का निर्माण कराया गया है। इसके लिए निर्माण कार्य जनवरी 2017 में प्रारम्भ किया गया था।
इस अवसर पर महानिरीक्षक कारागार वीके जैन, अपर महानिरीक्षक कारागार डा. शरद, पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार श्रीपर्णा गांगुली, पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार लव कुमार, उप महानिरीक्षक कारागार वीपी त्रिपाठी, वरिष्ठ अधीक्षक मुख्यालय वीके सिंह, वरिष्ठ अधीक्षक पीएन पाण्डेय एवं अधीक्षक आरएन पाण्डेय उपस्थित रहे।
कानून व्यवस्था मजबूत बनाने के बाद जेलों में सुधारी व्यवस्था
राज्य में 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सुशासन का नारे देकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई और गोरखपुर के गोरक्ष नाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में यूपी में सत्ता का नया सफर शुरू किया तो कानून व्यवस्था एक बड़ी चुनौती के रूप में सरकार के लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी बनकर उभरी थी।
मुख्यमंत्री ने राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जिस अफसर का चुनाव किया, उसने अपर पुलिस महानिदेशक कानून एंव व्यवस्था के रूप में दो साल में कमाल का काम करके दिखाया और अपने अपराधों से यूपी को दहशत की गिरफ्त में लेने वाले कुख्यात बदमाश व अपराधी पुलिस क्रेक डाउन के बाद बदहवास दिखाई दिये। उनका ही दम था कि यूपी में फिर से बदमाशो के खिलाफ खाकी का इक़बाल बुलंद हो सका और अपराधी बड़ेघर पर हॉउसफुल का बोर्ड टंगवा पाए और यह अफसर थे 1988 बैच के आईपीएस आनन्द कुमार, जो वर्तमान में पुलिस महानिदेशक कारागार का दायित्व बखूबी संभाले हुए हैं। जेलों में बढ़ रहे अपराधों और पिछले कुछ माह पूर्व रायबरेली, गाजीपुर सहित प्रदेश की अन्य जेलों में बंदियों की चिकन काॅकटेल पार्टी की तस्वीरें जेल से ही वायरल होने के बाद हड़कम्प मच गया था। माफिया अतीक अहमद के गुर्गों ने एक व्यापारी का अपहरण करने के बाद उसे देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई की थी। ऐसी घटनाओं के बाद यूपी की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गये थे और कानूनी व्यवस्था पर काबू पाने वाली सरकार के सामने भी चुनौती बनी थी, इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठतम आईपीएस अफसर आनन्द कुमार को डीजी जेल बनाया था।
उन्होंने यह पदभार ग्रहण करने के साथ ही जेलों का दौरा शुरू किया और आज जेलों में सुरक्षा व्यवस्था काफी सुदृढ़ नजर आती है। पहली बार डीजी स्तर के अफसर को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। बतौर डीजी आनन्द कुमार की यह पहली पोस्टिंग है।
इसके साथ ही आज आईपीएस आनन्द कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बड़ी जिम्मेदारी डीजी होमगार्ड्स बनाकर दी है। गौतमबुद्धनगर में होमगार्डों की कथित फर्जी हाजिरी लगाकर करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले के बाद आज अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने आनन्द कुमार को डीजी होमगाड्र्स का अतिरिक्त कार्यभार सौंपने के आदेश जारी किये हैं।