मुजफ्फरनगर में ई-गन्ना ऐप और ई-गन्ना प्रणाली प्रारम्भः डाॅ. आरडी द्विवेदी

मुजफ्फरनगर। गन्ना विभाग को लगातार नई तकनीक से जोड़कर किसानों को बेहतर व्यवस्था, सेवा और सुविधा देने का काम किया जा रहा है। पेराई सत्र 2019-20 के लिए जनपद मुजफ्फरनगर में गन्ना विभाग ने किसानों को अनावश्यक भागदौड़ से बचाने के लिए ई-गन्ना प्रणाली और ई-गन्ना ऐप सेवा प्रारम्भ की है।

Update: 2019-11-02 15:08 GMT

मुजफ्फरनगर। गन्ना विभाग को लगातार नई तकनीक से जोड़कर किसानों को बेहतर व्यवस्था, सेवा और सुविधा देने का काम किया जा रहा है। पेराई सत्र 2019-20 के लिए जनपद मुजफ्फरनगर में गन्ना विभाग ने किसानों को अनावश्यक भागदौड़ से बचाने के लिए ई-गन्ना प्रणाली और ई-गन्ना ऐप सेवा प्रारम्भ की है।


जिला गन्ना अधिकारी डॉ आर डी द्विवेदी ने बताया कि गन्ना किसानों की सुविधा और पारदर्शिता के लिए विभाग ने ई-गन्ना ऐप-और ई-गन्ना प्रणाली शुरू किया है। ई-गन्ना ऐप- से किसान घर बैठे गन्ने से संबंधित सर्वे, तौल, पर्ची, कैलेंडर तथा अन्य समस्त जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट up and-gov-in पर जाना होगा तत्पश्चात किसान 'ई-गन्ना प्रणाली' पर क्लिक करें और इस- पर दिए गए लिंक से-ई-गन्ना ऐप डाऊनलोड करें।


इसके माध्यम से किसान भाई सबसे पहले रजिस्टर फार्म में जांय। इसके बाद अपने जिला का चयन करें। जिले का चयन करते ही जिले से संबंधित सभी- फैक्ट्री खुल जाएगी। संबंधित फैक्ट्री के चयन के बाद अपने ग्राम तथा नाम का चयन कर तथा ग्राम और किसान कोड अंकित कर किसान गन्ने से संबंधित समस्त डाटा को देख सकते हैं। यदि किसान को अपना ग्राम और किसान कोड की जानकारी नहीं हो तो वे नाम से सर्च कर सकते हैं। किसान अपने किसी भी समस्या के लिए विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 पर सम्पर्क कर सकते हैं। जिला गन्ना अधिकारी डॉ. आरडी द्विवेदी ने बताया कि पेराई सत्र 2019-20 के किलए इस बार प्रदेश में ईआरपी व्यवस्था के अंतर्गत पर्ची निष्कासन का कार्य हो रहा है। इसमें किसानों की आपूर्ति पर्चियां कार्ट 18 कुंतल, ट्रेक्टर कार्ट 27 कुंतल, मिनी ट्राली 36 कुंतल और बड़ी ट्राली 54 कुंतल की जारी हो रही है। सभी किसानों के आपूर्ति कैलेंडर में पर्चियों का निर्धारण 9 कुंतल पर किया गया है। किसान के कैलेंडर में कुल पर्चियों की संख्या 9 कुंतल के आधार पर तथा उसके आपूर्ति मोड अर्थात कार्ट, ट्रेक्टर कार्ट, मिनी ट्राली, बड़ी ट्राली, ट्रक अथवा ट्रोला के आधार पर भी अंकित रहेगा। इस व्यवस्था के तहत यदि कोई किसान अपना आपूर्ति साधन (मोड) परिवर्तित कराता है तो भी उसका आपूर्ति कैलेंडर में अंकित पर्चियों का स्थान यथावत रहेगा।

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