श्रावण के प्रथम सोमवार को भोलेनाथ का किया दुग्धाभिषेक
20 जुलाई को जहां भगवान भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक किया जायेगा
मुजफ्फरनगर। श्री गुरू गोरखनाथ आराध्य दर्पण द्वारा श्रावण के प्रथम सोमवार को भोले बाबा की इच्छा से भगवान आशुतोष का दुग्धाभिषेक किया गया। भगवान शिव शंकर से वर्षा की कामना के साथ ही विश्व शांति की प्रार्थना की गई। 20 जुलाई को जहां भगवान भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक किया जायेगा, वहीं कालभैरव बाबा का शराब से अभिषेक किया जायेगा।
मिली जानकारी के अनुसार श्री गोरखनाथ आराध्य दर्पण द्वारा विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रावण मास में पूर्णिमा से शिवरात्रि तक भगवान आशुतोष का अलग-अलग द्रव्यों से रुद्राभिषेक करने का निर्णय भोले बाबा की इच्छा से ही लिया गया है। इसी कड़ी में आज नदी रोड नया बांस स्थित श्री त्रिपुर बाला सुंदरी महाविद्या शक्तिपीठ में श्री गुरु गोरखनाथ आराध्य दर्पण के संस्थापक मनोज सैनी व साधक प्रवीण सहित अनेक श्रद्धालुओं ने दूध से भगवान शिव शंकर का रुद्राभिषेक किया। श्रावण के प्रथम सोमवार को भगवान का दुग्धाभिषेक करना बहुत ही पुण्यशाली बताया गया है। दूध भगवान शिव शंकर को अतिप्रिय है। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को यदि भोलेबाबा को गाय माता का दूध अर्पित किया जाये, तो मान्यता है कि भोले बाबा की कृपा शीघ्र ही प्राप्त होती है और जन्म कुंडली में यदि शुक्र देव व चन्द्र देव पीडि़त होकर दुष्परिणाम दे रहे हैं, तो वे शिव-शक्ति की कृपा से सकारात्मक फल प्रदान करते हैं। साधक प्रवीण ने बताया कि श्रावण मास में भगवान शिव की जितनी आराधना की जाये, उतना ही श्रेष्ठ फलदायी है। जो लोग कर्मकांड या फिर पूजा पद्धति का विधान नहीं जानते हैं, वे बस भगवान शिव शक्ति का मात्र नाम उच्चारण करके ही भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। श्री गुरू गोरखनाथ आराध्य दर्पण द्वारा अब तक भोलेनाथ का दूध, दही, शुद्ध जल, सुगंधित द्रव्य, सरसों के तेल से रुद्राभिषेक किया जा चुका है। भगवान शिव के इस महापुण्यकारी दिव्य कार्यक्रम में आप सभी अपनी उपस्थिति दर्ज कर धर्मलाभ प्राप्त कर सकते हैं। 20 फरवरी को कालभैरव भगवान की अष्टमी है। इस अवसर पर जहां भगवान भोलेनाथ का गन्ने के रस से रुद्राभिषेक किया जायेगा, वहीं उसके बाद महाकाल के अवतार कालभैरव बाबा का सुरा से अभिषेक किया जायेगा। आज के इस महान पुण्यशाली दिव्य कार्यक्रम में मुख्य रूप से संजय बंसल, संदीप चौधरी, राजेश कश्यप, राजेश पाराशर आदि श्रद्धालु मौजूद रहे। पंडित कृष्ण दत्त शास्त्री के निर्देशन में उनके सुपुत्र कर्मकांड विशेषज्ञ व ज्योतिषविद् पंडित शिवम शास्त्री ने विधि-विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया।