बागपत चौराहा बना डग्गामार बसों का अड्डा
मेरठ घंटाघर चौराहे से लेकर बागपत चौराहे तक यह रोडवेज के रंग में रंगी हुई अवैध बसें खड़ी हुई आपको दिख जाएंगी।
मेरठ। लगता है मेरठ का बागपत चौराहा तो जैसे डग्गामार वाहनों का बस अड्डा बन गया हो । मेरठ घंटाघर चौराहे से लेकर बागपत चौराहे तक यह रोडवेज के रंग में रंगी हुई अवैध बसें खड़ी हुई आपको दिख जाएंगी। जिनको देखकर एक बार तो यात्री भ्रमित ही हो जाता है । इस तरह से इनका रंग रूप वे लिखाई कराई गई है कि यात्री यह समझ ही नहीं पाते जिस बस में हम यात्रा कर रहे हैं, यह बस एक डग्गामार बस है। इन्हीं के साथ में मारुति ईको गाड़ियां भी मेरठ से दिल्ली सीलमपुर के लिए अवैध रूप से संचालित होती हैं, जबकि मेरठ घंटाघर चौराहा व बागपत चौराहा व्यस्ततम चौराहे हैं। इन पर ट्रैफिक पुलिस वह सिविल पुलिस हर समय तैनात मिलती है। कई बार शिकायतों के बाद भी इन डग्गामार बसों के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है । नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिसकर्मी ने बताया कि यह बस एवं गाड़ियां रसूखदार लोगों की है। जिस कारण इन पर हाथ गिरने का मतलब अपनी जान आफत में लाना है। जब चालक व परिचालक से बात की गई तथा इनसे इन गाड़ियों के कागज मांगे गए तो उनके द्वारा बताया गया कि कागज तो मालिक लोगों के पास होते हैं। हमारे पास तो सिर्फ फोटो स्टेट है। अब सवाल यह उठता है कि बिना परमिट या बिना किसी कागज के इन बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा एवं दुर्घटना बीमा की जिम्मेदारी कौन लेगा। यह हाल तो तब है जब अभी पूर्व में ही 1 अनुबंधित बस में एक महिला के साथ चालक परिचालक द्वारा दुष्कर्म किया जा चुका है। इसके बाद भी मेरठ प्रशासन इन घटनाओं से कोई सबक लेने के लिए तैयार नहीं है।