गन्ने के रस से आशुतोष का, सुरा से किया कालभैरव बाबा का अभिषेक
देहरादून से आये श्रद्धालुओं ने भी प्रतिभाग कर कमाया पुण्य लाभ
मुजफ्फरनगर। श्री गुरू गोरखनाथ आराध्य दर्पण द्वारा आज भगवान आशुतोष का गन्ने के रस से रुद्राभिषेक किया गया। वहीं काल भैरव बाबा का शराब से अभिषेक किया गया। दिव्य धार्मिक कार्यक्रम में स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ ही देहरादून, दिल्ली व राजस्थान से आये श्रद्धालुओं ने भी प्रतिभाग किया। वहीं बहुत दिनों से रूठे इन्द्र देव ने भी आज प्रसन्न होकर भगवान शंकर का जलाभिषेक किया, जिससे मौसम भी सुहावना हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार श्री गुरू गोरखनाथ आराध्य दर्पण द्वारा श्रावण माह में शिवरात्रि तक भगवान शिव शंकर का विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक करने का संकल्प लिया गया है। इसी कड़ी में आज भगवान आशुतोष का गन्ने के रस से अभिषेक किया गया। वहीं प्रति माह की कालाष्टमी को श्री गुरु गोरखनाथ आराध्य दर्पण द्वारा भगवान कालभैरव का शराब से अभिषेक किया गया। इसी कड़ी में आज महाकाल के अवतार काल भैरव बाबा का सुरा (कारण) से सुराभिषेक किया गया। नदी रोड स्थित महाविद्या त्रिपुर बाला सुंदरी सिद्धपीठ पर आयोजित दोनों कार्यक्रमों में दिल्ली, राजस्थान व देहरादून के श्रद्धालुओं ने भी शिरकत की। विद्वान ब्राह्मण पंडित कृष्ण दत्त शास्त्री व उनके सुपुत्र पंडित शिवम शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूर्ण विधि-विधान से दोनों धार्मिक कार्यक्रमों को सम्पन्न कराया।
श्री गुरू गोरखनाथ आराध्य दर्पण के संस्थापक मनोज सैनी व साधक प्रवीण ने बताया कि भगवान आशुतोष की इच्छा से ही रोजाना उनके रुद्राभिषेक हो पा रहे हैं। भगवान शिव शंकर के निमित्त तब तक कुछ भी नहीं किया जा सकता है, जब तक कि शिव-शक्ति की इच्छा न हो। मनुष्य कुछ भी नहीं कर सकता, वह मात्र एक कठपुतली है। जैसे शिवशक्ति नचाते हैं, मनुष्य नाचता है। जिसमें अगाध श्रद्धा होती है, भगवान उसकी श्रद्धा के अनुरूप ही उससे धार्मिक कार्य कराते हैं। भगवान शिव शंकर की कृपा से ही रोजाना रुद्राभिषेक करने का सौभाग्य मिल रहा है। उन्होंने सभी भक्तों से आह्वान किया कि श्रावण के पवित्र माह में सभी श्रद्धालु कम से कम जल या फिर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक अवश्य करें। वहीं महाकाल के अवतार काल भैरव बाबा की भी लीला अपरम्पार है। बाबा की इच्छा से ही प्रत्येक माह सुराभिषेक का कार्यक्रम सम्पन्न हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि बहुत से लोग कालभैरव बाबा या काली मां की पूजा-अर्चना करने से डरते हैं। ऐसा कदापि नहीं होना चाहिए। काल भैरव बाबा दुष्टों के लिए काल है, तो भक्तों के लिए तारण हार हैं। मां महाकाली दैत्यों का काल है, लेकिन अपने भक्तों के लिए एक ऐसा अभेद्य कवच है, जिसे आज तक न तो कोई भेद पाया है और न ही कभी कोई भेद पायेगा। आज के दिव्य धार्मिक आयोजनों में मुख्य रूप से संजय बंसल, मनीष गर्ग, राजेश पाराशर, वैभव गोयल, उर्मिला राजस्थान, दीपशिखा दिल्ली, वरिष्ठ हिन्दू नेता डॉ. योगेन्द्र शर्मा आदि मौजूद रहे।