आदित्य का अभियान, गरीबों के बीच मनाया नवरात्र

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि माने जाने वाले इस जनपद में यातायात व्यवस्था की कमान संभाल रहे एसपी आदित्य प्रकाश वर्मा अपने नये प्रयोगों के लिए पुलिस विभाग में हमेशा ही चर्चाओं में बने रहते हैं। उनकी कार्यप्रणाली सकारात्मक होने के साथ ही प्रभावशाली भी रही है।

Update: 2019-10-07 16:42 GMT

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि माने जाने वाले इस जनपद में यातायात व्यवस्था की कमान संभाल रहे एसपी आदित्य प्रकाश वर्मा अपने नये प्रयोगों के लिए पुलिस विभाग में हमेशा ही चर्चाओं में बने रहते हैं। उनकी कार्यप्रणाली सकारात्मक होने के साथ ही प्रभावशाली भी रही है। यही कारण है कि प्रदेश शासन द्वारा पिछले सवा दो साल से एसपी आदित्य वर्मा को गोरखपुर में ही रखा गया है। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रमों के दौरान एसपी ट्रेफिक के रूप में आदित्य वर्मा की व्यवस्था बेजोड़ रही है।


नवरात्र के इन दिनों वह ड्यूटी से अलग सामाजिक रूप से अपने प्रयोग को लेकर चर्चा में आये हैं। उनके द्वारा नवमी का पर्व अनाथ बच्चों के साथ उनके बीच रहकर मनाया, वह पूरे दिन अपने परिवार के साथ इन बच्चों के साथ रहे और उनको एक अभिभावक की भांति दुलार और प्यार दिया।


गोरखपुर में तैनात एसपी ट्रैफिक आदित्य प्रकाश वर्मा ने पिछले सवा दो साल में गोरखपुर को यातायात व्यवस्था के मामले में किसी मेट्रो सिटी की भांति बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। उनके द्वारा यातायात व्यवस्था के लिए जिस सूझबूझ से जनजागरण किया गया, वह कारगर साबित हुआ। आज गोरखपुर में यातायात नियमों के मामले में दिल्ली जैसी सख्ती है। एसपी ट्रैफिक आदित्य वर्मा ने इसके लिए सड़कों पर उतरकर गजब की 'गांधीगिरी' की है।


मूल रूप से कानपुर नगर के निवासी आदित्य प्रकाश वर्मा तकनीक के ज्ञाता है। इंजीनियरिंग में मास्टर इस अफसर ने गोरखपुर में सोशल इंजिनियरिंग में जो सफलता पायी, उसकी प्रशंसा शासन स्तर तक की गयी है। उनका काम का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि से उनको पूरी तरह से जोड़कर रख दिया गया है। सवा दो साल के लंबे समय तक एक ही जनपद में रहना किसी भी ब्यूरोक्रेट के लिए आसान नहीं होता और जब जनपद वीवीआईपी हो, तो ऐसे में अफसर के सामने काम करने की चुनौती और तनाव भी कुछ अधिक होता है।

1991 बैच के पीपीएस अफसर आदित्य वर्मा की कार्यप्रणाली अलग है। वह ड्यूटी को लेकर जितने सतर्क और सजग है, उतने ही वह सामाजिक दायित्वों को निभाने में भी आगे रहते हैं। इन दिनों वह नवरात्र पर्व मनाने को लेकर चर्चा में आये। शारदीय नवरात्र के दौरान कन्या पूजन की परम्परा है। जब लोग अपने घरों में कन्या पूजन का धार्मिक कार्यक्रम कर रहे थे तो एसपी आदित्य वर्मा अपने परिवार के साथ काम से छुट्टी लेकर गोरखपुर के एक आश्रम में अनाथ बच्चों के साथ समय बिताने में व्यस्त थे। इन बच्चों के बीच उन्होंने काफी समय व्यतीत किया। बच्चों को गोद में उठाया। पीठ पर बैठाया और उनको पूरी तरह से एक अभिभावक की भांति दुलार किया। इन बच्चों के लिए वह उपहार लेकर गये। फल और मिठाईयां भी दी। उनके इस प्रयास ने इन अनाथ मासूम बच्चों को भी कुछ देर के लिए अपनत्व का अहसास कराया। इसके लिए एसपी आदित्य वर्मा कहते हैं कि घरों पर सभी त्यौहार मनाते हैं, लेकिन त्यौहार की सार्थकता तभी है, जबकि हम समाज में अलग थलग लोगों को भी इस खुशी का अहसास कराने के लिए कुछ कदम आगे बढ़ाने में साहस दिखा सकें। आश्रम के बच्चों को उस चंद लम्हों में जो खुशी मेरे एक प्रयास से मिली, वह उनको आत्मिक संतुष्टि और एक ऊर्जा प्रदान करने वाली साबित होती है।


अपनी सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार गोरखपुर गये। हर त्यौहार उन्होंने गोरक्ष पीठाधीश्वर होने के कारण वहीं पर मनाया। इन दिनों भी मुख्यमंत्री दशहरा पर्व मनाने के लिए गोरखपुर में गोरक्षनाथ मंदिर में ही हैं। हर बार उनको गोरखपुर की सड़कों पर यातायात का पैमाना बदला हुआ नजर आया। मुख्यमंत्री का जनपद होने के कारण अफसरों के सामने कार्य को कर पाने के लिए कई सवाल उठते हैं, लेकिन हर सवालों और चुनौती से परे जाकर आदित्य वर्मा ने गोरखपुर की सड़कों पर एक यातायात जागरुकता के लिए क्रांति लाने का काम किया है। सवा दो साल में उन्होंने गोरखपुर की सड़कों पर 90 प्रतिशत वाहन चालकों को हेलमेट का प्रयोग करने वाला बना दिया है। आज गोरखपुर में सड़कों पर यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले ना के बराबर ही मिलते है।


एसपी ट्रेफिक आदित्य वर्मा ने जहां कड़ी धूप में यातायात नियमों का पालन कराने और यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए तैनात पुलिसकर्मियों व होमगार्ड को छाता बांटे तो वहीं चैकिंग के दौरान वाहन चालकों को हेलमेट वितरित करते हुए गजब की गांधीगिरी कर सभी का दिल जीता। वह कहते हैं कि सर्विस के शुरूआत में ही हमें जो शपथ ग्रहण करायी जाती है, यदि उसका ईमानदारी से पालन किया जाये तो कोई भी चुनौती आपको नहीं रोक पायेगी। गोरखपुर को यातायात व्यवस्था के पैमाने पर मैट्रो सिटी बनाने की उपलब्धि पर वह कहते हैं कि उन्होंने यहां 11 जून 2017 को चार्ज संभाला और तभी एक लक्ष्य बनाकर काम शुरू किया, लाखों लोगों तक पहंुचकर जागरुक किया और आज वह काफी सफल हैं। लोगों को सड़कों पर यातायात नियमों का पालन करते हुए देखकर सुखद अनुभूति होती है।  

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