4.98 करोड़ की लागत से बनने वाले राजकीय उद्यान आलमबाग में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फाॅर आर्नामेन्टल क्राप्स एवं कृषक प्रशिक्षण भवन का शिलान्यास किया

राजकीय उद्यान आलमबाग में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फाॅर आर्नामेन्टल क्राप्स एवं कृषक प्रशिक्षण भवन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास करते हुए कल मंगलवार को प्रदेश के वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं उद्यान मन्त्री दारा सिंह चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज की व्यस्ततम् दिनचर्या में वृक्षों का विशेष महत्व है।

Update: 2019-06-19 15:11 GMT

लखनऊ। राजकीय उद्यान आलमबाग में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फाॅर आर्नामेन्टल क्राप्स एवं कृषक प्रशिक्षण भवन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास करते हुए कल मंगलवार को प्रदेश के वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं उद्यान मन्त्री दारा सिंह चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज की व्यस्ततम् दिनचर्या में वृक्षों का विशेष महत्व है। वृक्षों से जहां एक ओर जीवनदायिनी ऑक्सीजन की पूर्ति होती है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य के लिए अति हानिकारक कार्बन-डाई-आॅक्साइड गैस का शोषण भी होता है और वृक्ष पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में सहायक होते हैं। मनुष्य को पौधों एवं फूलों के बीच में रहने से दिन भर की थकान दूर होती है।

उद्यान मन्त्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि राजकीय उद्यान आलमबाग, लखनऊ में स्थापित होने वाले इस केन्द्र पर शोभाकार पौधों का उत्पादन नवीन तकनीकी से किया जायेगा, जो किसानो, बागवानों तथा

उद्यान प्रेमियों को उपलब्ध कराये जायेंगे। साथ ही इस सेन्टर पर नवीनतम तकनीकियों का प्रयोग करते हुए उत्पादन के व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिये जाने की व्यवस्था की गई है। ऐसे व्यक्ति जो कम पढ़े लिखे एवं बेरोजगार हैं, उनके लिए नर्सरी लगाना एक व्यवसाय का रूप लेगा जिसे अपनाकर स्वरोजगार के माध्यम से वह स्वावलम्बी भी बनेंगे। किसानो को भी इससे आशातीत लाभ प्राप्त होगा, जो उनकी आय को दुगुना करने मेें सहायक सिद्ध होगा।

उद्यान मंत्री ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि बढ़ती आबादी में घरों के आस-पास खाली ज़मीन, छतों पर तथा घर के सामने गमलों में शोभाकार पौधे रोपित किये जायें। इससे घर का वातावरण शुद्ध रहता है। वृक्षारोपण एवे गमलों में पौधरोपण एक तकनीकी विधा है, जिसकी जानकारी जन सामान्य को मिलनी चाहिए। उन्होेंने कहा कि इस केन्द्र का निर्माण के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत किया जा रहा है, जिसकी लागत 04 करोड़ 98 लाख रूपये आगणित की गई है। यह केन्द्र लखनऊ के लिए ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

इस अवसर पर संदीप कौर, विशेष सचिव, डाॅ0 राघवेन्द्र प्रताप सिंह, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, डाॅ0 एस0 बी0 शर्मा, संयुक्त निदेशक, डाॅ0 आर0के0 सिंह, नोडल अधिकारी, आर0के0वी0वाई० महेश कुमार श्रीवास्तव अधीक्षक राजकीय उद्यान लखनऊ उद्यान प्रभारी संजय राठी तथा कार्यदायी संस्था पैक्सपैड के सहायक अभियन्ता विमल वर्मा सहित विभागीय अधिकारी/कर्मचारी एवं जनपद के प्रगतिशील बागवान, कृषक एवं उद्यान प्रेमीगण उपस्थित रहें।

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