10 जिलों में इसे पायलेट प्रोजेक्टर के रूप में शुरू किया जाये - सतीश महाना
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सतीश महाना ने पारम्परिक कला को और अधिक विकसित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सतीश महाना ने पारम्परिक कला को और अधिक विकसित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। कारीगरों को प्रशिक्षित करके उन्हें उद्यमियों तक पहुंचाने की योजना बनाई जाए, ताकि कारीगरों को उचित प्लेटफार्म और उद्यमियों को कुशल मानव संसाधन प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि पारम्परिक कारीगरों की सेवाएं आनलाइन लोगों तक पहुंचाने की कार्ययोजना तैयार करायी जाय और इसे 10 जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाये। इससे जहां आमजन को सर्टिफाइड मैन पावर की सेवाएं उपलब्ध होंगी, वहीं रोजगार के माध्यम भी प्रशस्त होंगे।
मंत्री सतीश महाना आज विधान भवन स्थित सभाकक्ष में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में कुशल कारीगर उपलब्ध है, लेकिन सर्टीफिकेशन के अभाव मंे उन्हें उचित रोजगार नहीं मिलता है। ऐसे कारीगरों को ट्रेनिंग दिलाकर प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाई जाये। उन्होंने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना को बढ़ावा देने और इसके प्रचार-प्रसार हेतु रिटेल स्टोर्स के माध्यम से ओ0डी0ओ0पी0 ब्रांडिंग योजना जल्द लागू की जायेगी। इसके तहत प्रत्येक जनपद के चयनित उत्पादों के लिए प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर रिटेल दुकानों में स्थान/शेल्फ को आरक्षित कराया जायेगा। इस वर्ष लगभग 350 ओ0डी0ओ0पी0 स्टोर्स खोले जाने की योजना है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि ग्राउण्ड बे्रकिंग सेरेमनी-2 में लगभग 23 एम0एस0एम0ई0 इकाई का शिलान्यास कराया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि जो इकाइयां कार्य शुरू करने की स्थिति में है और कुछ क्लीयरेंस आदि न मिलने से वह ग्राउण्ड बे्रकिंग सेरेमनी में हिस्सा नहीं ले पा रही है, तत्काल उनकी दिक्कतों को दूर कराया जाये और उन्हें भी सेरेमनी में शामिल करने का कार्य प्राथमिकता से किया जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही व उदासीनता नहीं बरती जानी चाहिए।
मंत्री सतीश महाना ने जेम पोर्टल को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल देते हुए कहा कि अधिक से अधिक सरकारी विभाग जेम के माध्यम से खरीद सुनिश्चत करें, इस पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि जेम की तरह ऐसी व्यवस्था बनाई जाये कि आमलोग भी कम दामों पर अच्छी क्वालिटी का सामान खरीद सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 30 लाख हस्तशिल्पी हैण्डीक्राफ्ट से जुड़े हैं। इनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए इन्हें नई टेक्नालाजी से जोड़ा जाय। उन्होंने लखनऊ में निर्माणाधीन डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट के भवन को जल्द से जल्द पूरा कराने के सख्त निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि गत वर्ष प्रदेश से लगभग 01 लाख 14 हजार करोड़ का निर्यात हुआ है, इसको और बढा़या जाय। राज्य सरकार निर्यातकों को तमाम प्रकार की सुविधाएं उलपब्ध करा रही है।
सचिव, एम0एस0एम0ई0 भुवनेश कुमार ने मंत्री को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिये गये सभी सुझावों एवं निर्देशों का अक्षरशः पालन कराया जायेगा। साथ ही उन्होंने एम0एस0एम0ई0 से सुनिश्चत खरीद तथा खादी और हथकरघा के सामानों को सरकारी विभागों में खरीद के लिए अनिवार्य करने हेतु आग्रह किया। निदेशक उद्योग के0 रविन्द्र नायक ने मंत्री को विभाग में संचालित योजनाओं की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में विभागीय उच्चाधिकारी भी मौजूद थे।