सीएम योगी ने एडीएम समेत 10 साहित्यकारों को किया हिंदुस्तानी एकेडमी पुरस्कार से सम्मानित
हिन्दुस्तानी एकेडेमी द्वारा सम्मानित किये जाने के बाद लखनऊ में अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती विश्व भूषण ने खोजी न्यूज को बताया कि उन्हें बचपन से ही लेखन का शौक है और उन्हें ये पुरस्कार 2003 से 2017 के बीच लिखी गयी पुस्तक मैंने अनुभव से सीखा हो के लिए प्रदान किया गया है। इसमें उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों से लेकर अब तक सभी अनुभवों को कविता के माध्यम से कागज पर चित्रित किया है। पीसीएस अफसर विश्वभूषण के अनुसार उन्हें बचपन से लेखन का शौक है और उन्हें स्कूल के दिनों में ही अनेकों पुरस्कार प्राप्त हो चुके थे। उन्होंने कालेज और विश्वविद्यालय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में प्रदेश व राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। उन्हें नारी सशक्तिकरण पर लिखी गयी कविता के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित हिंदुस्तानी एकेडमी सम्मान समारोह में राजधानी लखनऊ में अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती के पद पर कार्यरत पीसीएस अधिकारी सहित उत्तर प्रदेश के 10 नामचीन साहित्यकारों को सम्मानित किया। यह सम्मान 22 साल बाद फिर से शुरू किए गए हैं। पहली बार ये सम्मान 1922 में दिए गए थे।
कार्यक्रम में अनुज प्रताप सिंह को गुरु गोरक्षनाथ सम्मान, सभापति मिश्र को तुलसीदास सम्मान, रामबोध पांडेय को भारतेंदु सम्मान, योगेंद्र प्रताप सिंह को महावीर प्रसाद सम्मान, सरोज सिंह को महादेवी वर्मा सम्मान, शैलेंद्र मधुर को फिराक गोरखपुरी, ब्रजमोहन को भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान, आद्या प्रसाद को बलिया बना दास अवधि सम्मान व ओंकार नाथ द्विवेदी को कुंभन दास ब्रजभाषा सम्मान सहित एडीएम ट्रांसगोमती विश्वभूषण को सम्मानित किया गया।
बता दें कि हिन्दुस्तानी अकादमी की स्थापना सन 1927 में हुई थी और हिन्दी व उसकी सहयोगी भाषाओं को समृद्ध व लोकप्रिय बनाने में एकेडेमी का योगदान अविस्मरणीय है। इसके पास अपना समृद्ध पुस्तकालय है, जिसमें लगभग 18000 पुस्तकें हैं। हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने लगभग 225 मूल्यवान पुस्तकों का प्रकाशन भी किया है।
हिन्दुस्तानी एकेडेमी द्वारा अब तक लगभग 30 विद्वानों को उनकी प्रतिष्ठित कृतियों के लिए सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें मुंशी प्रेमचन्द, जगन्नाथदास 'रत्नाकर', मौलाना सैयद अली नकवी सफी, बाबू गुलाब राय, पं. राम नरेश त्रिपाठी, आचार्य पं. रामचन्द्र शुक्ल, आचार्य परशुराम चतुर्वेदी आदि के नाम प्रमुख हैं।
हिन्दुस्तानी एकेडेमी द्वारा सम्मानित किये जाने के बाद लखनऊ में अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती विश्व भूषण ने खोजी न्यूज को बताया कि उन्हें बचपन से ही लेखन का शौक है और उन्हें ये पुरस्कार 2003 से 2017 के बीच लिखी गयी पुस्तक मैंने अनुभव से सीखा हो के लिए प्रदान किया गया है। इसमें उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों से लेकर अब तक सभी अनुभवों को कविता के माध्यम से कागज पर चित्रित किया है। पीसीएस अफसर विश्वभूषण के अनुसार उन्हें बचपन से लेखन का शौक है और उन्हें स्कूल के दिनों में ही अनेकों पुरस्कार प्राप्त हो चुके थे। उन्होंने कालेज और विश्वविद्यालय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में प्रदेश व राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। उन्हें नारी सशक्तिकरण पर लिखी गयी कविता के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
बता दें कि विश्वभूषण ने एनएचपीसी कुल्लू में लाॅ अफसर व दिल्ली मैट्रो में प्रबन्धक लीगल के रूप में अपना कैरियर आरम्भ किया था। कुछ समय तक उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत की, इसके बाद वे संसद भवन में प्रोटोकाॅल अफसर भी रहे। वर्तमान में विश्वभूषण वरिष्ठ पीसीएस अफसर हैं और लखनऊ में अपरजिलाधिकारी ट्रांसगोमती के पद पर कार्यरत हैं।