बंधन नाम देकर रक्षा मंत्रालय ने भावनात्मक जुड़ाव पैदा किया : मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री डिफेंस एक्स्पो-2020 के अन्तर्गत आयोजित साइनिंग ऑफ एमओयूज़, प्रोडक्ट लाॅन्चिंग एण्ड मेजर एनाउन्समेंट प्रोग्राम 'बंधन' को सम्बोधित किया
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में डिफेंस एक्स्पो-2020 के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस विराट और विशाल आयोजन में सहभागी राज्य के रूप में भागीदारी करने से उत्तर प्रदेश की सम्भावनाओं को देश और दुनिया के सामने रखने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के अनुरूप भारत को रक्षा उत्पादन, शोध और विकास के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों की श्रृंखला के क्रम में डिफेंस एक्स्पो-2020 का आयोजन किया गया है। यह आयोजन सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डिफेंस एक्स्पो-2020 के अन्तर्गत आयोजित साइनिंग ऑफ एमओयूज़, प्रोडक्ट लाॅन्चिंग एण्ड मेजर एनाउन्समेंट प्रोग्राम 'बंधन' को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आज विभिन्न एमओयू किये गये हैं। रक्षा मंत्रालय ने इस कार्यक्रम का 'बंधन' नामकरण कर इससे भावनात्मक सम्बन्ध जोड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी, 2018 में प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की स्थापना की घोषणा की। पिछले दो वर्ष में प्रदेश सरकार ने रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर इसके 6 नोड्स में विभिन्न कार्यक्रम सम्पादित किये। डिफेंस काॅरिडोर के अन्तर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए व्यापक सम्भावनाएं हैं। यूपीडा के द्वारा विभिन्न उद्यमों के साथ उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में निवेश हेतु 23 एमओयूू हस्ताक्षरित किये गये हैं। इससे प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर को तकनीकी सहयोग के लिए यूपीडा और डीआरडीओ के मध्य एमओयू का हस्तान्तरण हुआ है। इन एमओयूू से प्रदेश के विकास की सम्भावनाएं मूर्त होंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी, कानून-व्यवस्था की अच्छी स्थिति तथा प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के प्रयास से प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू हुआ है। इन एमओयू से देश में रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान व विकास होगा। यह प्रदेश के विकास में भी सहायक होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिस क्षेत्र में यह रक्षा उद्यम लगने जा रहे हैं, वह क्षेत्र आर्थिक रूप से कमजोर माना जाता रहा है। राज्य में होने वाले इस निवेश से ढाई से तीन लाख रोजगार के अवसर सामने आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य बना है। निवेशकों व उद्यमियों द्वारा देश, प्रदेश व अपने हित में राज्य की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने से देश की सेवा के साथ ही युवाओं को भी रोजगार के बेहतर अवसर सुलभ होंगे। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति के साथ ही विभिन्न फोकस सेक्टर्स के लिए नीतियां लागू की हैं। इससे प्रदेश में तेजी से निवेश आया है। पिछले ढाई वर्षाें में राज्य में ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। इससे 33 लाख से अधिक रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये हैं। ईज़ ऑफ डुइंग बिज़नेस में सुधार किया गया है। श्रम सुधार भी अपनाये गये हैं। राज्य में जेवर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के साथ ही बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल व गंगा एक्सप्रेस-वे विकसित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिफेंस काॅरिडोर के 06 नोड्स में से झांसी व अलीगढ़ में लैण्डबैंक बुक हो चुका है। उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य में उनका निवेश सुरक्षित है तथा राज्य सरकार निवेशकों को हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के कार्यक्रम में 71 एमओयूू, 13 प्रोडक्ट की लाॅन्चिंग, 18 तकनीक अन्तरण समझौते तथा 6 महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं हैं। इस प्रकार आज 100 से अधिक करार हुए हैं। बन्धन पारस्परिक विश्वास का होता है। इस बन्धन को टूटने नहीं दिया जाएगा और यह परिपक्व होंगे। उन्होंने कहा कि डिफेंस एक्स्पो-2020 के दौरान अभी तक 200 से ज्यादा समझौते हुए हैं। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यहां सम्पन्न एमओयू देश के रक्षा औद्योगिक आधार को और मजबूत करने में उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में सरकार की नीतियां अब परिणाम देने लगी हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2024 तक देश का रक्षा निर्यात 5 बिलियन डाॅलर के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज साइन हुए एमओयू अपने कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे। यूपीडा और डीआरडीओ के मध्य भी एमओयू किया गया है। अब डीआरडीओ डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के विकास में सहायक होगा। इससे यूपी डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर सशक्त होगा। प्रदेश के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी आकांक्षा है कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास दृष्टि से न केवल देश में बल्कि विश्व में अपनी पहचान बनाये। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय रक्षा सचिव डाॅ अजय कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि डिफेंस एक्स्पो-2020 को अनेक उपलब्धियों के लिए याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में रक्षा उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसे तथा उत्तर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर को हाईलाइट करना एक्स्पो का एक उद्देश्य था। उत्तर प्रदेश में रक्षा उद्यमियों व निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक पाॅलिसी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के डिफेंस एक्स्पो में 40 एमओयूू किये गये थे। इस बार 100 एमओयूू का लक्ष्य था, लेकिन लगभग 200 एमओयू साइन हुए हैं। सचिव, रक्षा मंत्रालय आरएनडी, भारत सरकार एवं चेयरमैन डीआरडीओ जी सतीश रेड्डी ने उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के विकास को डीआरडीओ का दायित्व बताया। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में यूपीडा के साथ एमओयू किया गया है। यूपी डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के विकास के बाद डीआरडीओ यहां अपनी एक अनुसंधान एवं विकास इकाई स्थापित करेगी।
कार्यक्रम के अन्त में अपर मुख्य सचिव सूचना, गृह एवं यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक, प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल विपिन रावत सहित सेना व शासन के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में उद्यमी और निवेशक उपस्थित थे।