सदन की समितियाँ जितनी मजबूती से कार्य करेंगी, लोकतांत्रिक व्यवस्था उतनी ही सुदृढ़ होगी : हृदय नारायण दीक्षित
उत्तर प्रदेश विधान सभा की नवगठित आश्वासन समिति के प्रथम बैठक
लखनऊ । संसदीय लोकतंत्र में सदन की समितियों की गहरी भूमिका होती है। सदन की समितियाँ जितनी मजबूती से कार्य करेंगी, लोकतांत्रिक व्यवस्था उतनी ही सुदृढ़ होगी।
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने यह बात दिनांक 06 नवम्बर, 2019 को विधान सभा की नवगठित आश्वासन समिति के प्रथम बैठक के दौरान कही।
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने विधान सभा की वर्ष 2019-2020 के लिए नवगठित समिति के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि समितियाँ सदन की लघु स्वरूप होती हैं। जिस प्रकार सदन चलता है उसी प्रकार समितियाँ भी अपना कार्य संचालन करती हैं। विधान सभा के विशेषाधिकार एवं उन्मुक्तियाँ इन समितियों में भी लागू होती है।
समिति प्रशासनिक अधिकारियों के साक्ष्यों के दौरान सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाने का कार्य करती है
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने आश्वासन समिति के कार्य व महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह समिति सदन की बहुत ही महत्वपूर्ण एवं प्रभावशाली समिति होती है। यह समिति विधायकगणों के अधिकारों की रक्षा करने में सक्षम है। मंत्रियों के आश्वासनों पर यह समिति प्रशासनिक अधिकारियों के साक्ष्यों के दौरान सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाने का कार्य करती है। सत्ता द्वारा सदनों में दिया गया आश्वासन का पूरा किया जाना आदर्श स्थिति होता है।
यहां पर सत्ता और विपक्ष में विभेद नहीं होता
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि विधान सभा में सत्ता पक्ष एक तरफ होता है, विपक्ष दूसरी तरफ होता है, बीच में अध्यक्ष होता है। यहां पर सत्ता और विपक्ष में विभेद नहीं होता। सभी सदस्य मर्यादा के अन्र्तगत अपनी बात रखकर सरकारी तंत्र को जवाबदेह बना सकते हैं। विधायकों को समिति में अधिकारियों से साक्ष्य के दौरान अपनी बात सौम्यता एवं शालीनता के साथ रखनी चाहिए। शालीनता एवं तर्कशीलता से कही गई बात उत्तेजना एवं आक्रमकता से कही गयी बात से ज्यादा प्रभावकारी होती है।
प्रशासनिक तंत्र से जुड़े लोगों की मर्यादा का भी ध्यान रखना विधायिका के लोगों का महत्वपूर्ण कर्त्तव्य है
प्रशासनिक तंत्र से जुड़े लोगों की मर्यादा का भी ध्यान रखना विधायिका के लोगों का महत्वपूर्ण कर्त्तव्य है। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि वे विधायक सबसे योग्य एवं श्रेष्ठ माने जाते हैं जो सदन के अन्दर आश्वासन प्राप्त कर लें और उसी के साथ-साथ वह मंत्री भी श्रेष्ठ माना जाता है जो आश्वासन से बचने में कामयाब हो जाए।
समिति के सभापति श्याम सुन्दर शर्मा ने विधान सभा को बताया
समिति के सभापति श्याम सुन्दर शर्मा ने विधान सभा को बताया इस समय भी समिति के समक्ष 2746 आश्वासन लंबित हैं। 2017-2018 में गठन से अब तक आश्वासन समिति की 88 बैठकें सम्पन्न हुईं जिसमें 735 आश्वासनों के बिन्दुओं की पूर्ति हो जाने से ड्राप किए जा चुके हैं। श्री सभापति ने अध्यक्ष को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भरोसा दिलाया कि अधिक-से-अधिक समय देकर सरकारी आश्वासनों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
समिति की बैठक में प्रदीप कुमार दुबे, प्रमुख सचिव विधान सभा उत्तर प्रदेश एवं विधान सभा सचिवालय के अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।