एम.जी. पब्लिक स्कूल में गूंजी आगरा घराने की गायकी
मुजफ्फरनगर। सोसाइटी फॉर दि प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग्स्ट यूथ (स्पिक मैके) द्वारा सांस्कृतिक विरासत 2019 की कड़ी में चलाये जा रहे कार्यक्रम की श्रृंखला में शुक्रवार को एमजी पब्लिक स्कूल में शास्त्रीय संगीत की महफिल सजायी गयी।
मुजफ्फरनगर। सोसाइटी फॉर दि प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग्स्ट यूथ (स्पिक मैके) द्वारा सांस्कृतिक विरासत 2019 की कड़ी में चलाये जा रहे कार्यक्रम की श्रृंखला में शुक्रवार को एमजी पब्लिक स्कूल में शास्त्रीय संगीत की महफिल सजायी गयी। इस आयोजित कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक उस्ताद राजा मियां की गायकी ने श्रोताओं के मन की गहराइयों को छू लिया। उन्होंने बच्चों को देश की सांस्कृतिक विरासत का सच्चा वारिस करार दिया तथा इस धरोहर को सम्भाल कर रखने का वचन भी युवा पीढ़ी से लिया।
एम.जी. पब्लिक स्कूल में आयोजित शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम के मंच से राजा मियां के नाम से विख्यात उस्ताद गुलाम हुसैन खान का कार्यक्रम आगरा घराने की गायकी की पूरी धज के साथ श्रोताओं को सुनने को मिला। राजा मियां उन विरले गायकों में हैं जिन्होंने अपने घराने की शैली से कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत आगरा घराने के चिरपरिचित "नोम तोम" आलाप से किया। तील ताल में निबद्ध राग रामकली में उन्होंने बेहद खूबसूरत बंदिश पेश की जिसके बोल थे "उन संग लागी मोरी अँखियाँ", उस्ताद फैयाज खान की प्रेमपिया के मशहूर बंदिश को सुन श्रोता झूम गए। उस्ताद राजा मियां की राग कुकुविलावल दोनों बंदिशें श्रोताओं को खूब पसंद आयीं। राजा मियां की गायकी में उनके चाचा व गुरु पद्मभूषण उस्ताद खादिम हुसैन खान, युनुस हुसैन खान तथा उस्ताद लताफत हुसैन खान की गायकी का एक ऐसा खुशनुमा मिश्रण है, जिसकी झलक आज की उनकी आखिरी प्रस्तुति में भी देखने को मिली। तीन ताल में निबद्ध उस्ताद विलायत हुसैन खान प्राणप्रिया रचित बंदिश पर कलाकारों को खूब तालियाँ मिलीं। आकाशवाणी व दूरदर्शन के 'ए' ग्रेड के कलाकार उस्ताद राजा मियां को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनके साथ पधारे सहकलाकारों में पंडित कांताप्रसाद मिश्र ने हारमोनियम पर, रजनीश मिश्र ने तबले पर तथा सिबतैन नियाजी ने तानपुरा पर बखूबी संगत प्रदान की।
कलाकारों के साथ एमजी पब्लिक स्कूल के निदेशक जी बी पांडे तथा प्रधानाचार्य मोनिका गर्ग ने दीप प्रज्ज्वलन किया। कार्यक्रम में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए प्रधानाचार्य मोनिका गर्ग ने कहा कि आज यहां पर उस्ताद गुलाम हुसैन राजा मियां ने बहुत ही सुन्दर ढंग से शास्त्रीय संगीत से युवा पीढ़ी को अवगत कराया है। यह संस्कृति भारत की धरोहर है। आज पश्चिमी सभ्यता के बढ़ते प्रभाव के कारण युवा पीढी अपनी सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत से दूर होती जा रही है। स्पिक मैके इस धरोहर को संजोने के लिए निःस्वार्थ काम कर प्रेरणा भी दे रहा है। भारतीय संस्कृति को कभी भी कोई जीत नहीं सकता है, ना कोई इसे छीन सकता है। भारत की शिक्षा व्यवस्था, आध्यात्मिक प्रक्रिया व सभ्यता और पारिवारिक सांस्ककृतिक देश की बड़ी ताकत हैं। इनको भारत से कोई जीत नहीं पाया। युवा पीढ़ी पर ही इनको संभालने का दायित्व है। इसके लिए हमें योग, ध्यान और समर्पण की ओर आना होगा।
कलाकारों का अभिनन्दन निदेशक व प्रधानाचार्या मोनिका गर्ग के अलावा स्कूल के शिक्षक पराग शर्मा, मनोज भाटिया, जितेन्द्र जिंदल, श्रीपाल राठी, नीरज कुमार तथा जितेन्द्र नारंग ने किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की छात्रा परिधि ने किया। विद्यालय के शिक्षक व स्पिक मैके के कार्यकर्ता अभिनव त्यागी ने कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई। इस अवसर पर डॉ. एन.एन. पन्त, डॉ मृदुला मित्तल, डॉ गरिमा जैन, रोहित कौशिक विशेषरूप से उपस्थित रहे। स्पिक मैके के कार्यकर्ताओं में राहुल सेन, शुभम, अभिनव त्यागी, सागर बेनीवाल, हर्ष, प्रथम, उत्तम आदि का विशेष योगदान रहा।