गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने सहकारी चीनी मिलों को संचालित कराने संबंधी समीक्षा बैठक की

गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के निर्देश अनुसार आगामी पेराई सत्र 2019-20 के सुचारू संचालन हेतु गन्ना विकास विभाग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है

Update: 2019-09-04 10:52 GMT

लखनऊ । गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लि0 के सभागार में प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों के गन्ना भुगतान, आगामी पेराई सत्र हेतु चीनी मिलों के मरम्मत कार्य एवं समय से चीनी मिलों को संचालित कराने संबंधी समीक्षा बैठक की।





गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के निर्देश अनुसार आगामी पेराई सत्र 2019-20 के सुचारू संचालन हेतु गन्ना विकास विभाग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है और सर्वे सट्टा सूची प्रर्दशन का कार्य भी अंतिम दौर में है तथा सर्वे सट्टा सूचियों के ग्रामवार प्रदर्षन कराये जाने व त्रुटियों के सुधार के बाद अब गन्ना विकास विभाग ने गन्ना माफियाओं का उन्मूलन करने हेतु सख्त रूख अपना लिया है जिसके तहत, शत्प्रतिषत गन्ना किसानों की गन्ना खतौनी का मिलान राजस्व खतौनी से किया जा रहा है इस क्रम में अब तक समस्त 09 परिक्षेत्रों की 169 गन्ना विकास समितियों के 38.5 लाख आपूर्तिकर्ता सदस्य गन्ना किसानों में से 20.64 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता सदस्यों का मिलान हो चुका है जिनमें से 2,742 फर्जी, 8,435 डबल सट्टे वाले, 5,719 भूमिहीन कृषकों तथा 11,249 राजस्व अभिलेखों में दर्षित भूमि से अधिक गन्ना क्षेत्रफल वाले कृषकों के सट्टे प्रकाश में आये हैं जिनके द्वारा अनुचित आपूर्ति का लाभ लिया जा रहा है इसके अतिरिक्त भी दो समितियों जिलों के बार्डर पर गलत तरीके से दोहरी सदस्यता प्राप्त कर गन्ना आपूर्ति में डबल सट्टा चलाने की अनियमितता प्रकाष में आने पर सभी ट्रांजिट एरिया में पड़ने वाले कृषकों का सत्यापन कराया जा रहा है तथा ट्रांजिट एरिया के समस्त 1,04,८६० सदस्यों का सत्यापन किया जा चुका है जिनमें से 520 फर्जी, 2,449 डबल सट्टे वाले तथा 1,380 राजस्व अभिलेखों में दर्षित भूमि से अधिक गन्ना क्षेत्रफल वाले कृषकों के सट्टे प्रकाष में आये हैं जिनके द्वारा अनुचित आपूर्ति का लाभ लिया जा रहा था इन सभी के विरूद्ध सट्टे बन्द करने एवं सदस्यता समाप्त आदि की कार्यवाही गतिमान है।



उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, मनीष चौहान द्वारा बताया गया कि गत वर्ष के अनुभवों एवं मुख्यालय पर स्थापित टोल-फ्री कन्ट्रोल रूम में प्राप्त हो रही शिकायतों के आधार पर इस वर्ष गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए ग्रामवार सट्टा प्रदर्शन से पूर्व राजस्व खतौनी का मिलान गन्ना खतौनी से किया जा रहा है तथा इसके अतिरिक्त कतिपय क्षेत्रों में गन्ना आपूर्ति से सम्बन्धित आने वाली समस्याओं की पुनरावृत्ति इस सत्र में न हो इसलिए सभी पंजीकृत गन्ना किसानों को यूनिक कोड आवंटित करने का शत्प्रतिषत कार्य पूर्ण कराया जा रहा है।



गन्ना एवं चीनी आयुक्त गन्ना आयुक्त मनीष चौहान द्वारा यह भी बताया गया कि जिन निल प्लाटों के कृषकों का नाम गन्ना सर्वे करते समय ज्ञात नहीं हो पाता है, तो सत्यापन उपरान्त जिस किसान का प्लाट है उसी के नाम अंकित किया जाए। विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ राजस्व विभाग के अधिकारियों से भी सर्वे कार्य की शुद्धता परखने के लिए सर्वेक्षित क्षेत्रफल के कम से कम 10 प्रतिषत की रेण्डम जांच की जाएगी। गन्ने का सट्टा केवल उन्हीं कृषकों का किया जाएगा जो सहकारी गन्ना/चीनी मिल समिति के नियमित सदस्य हो तथा जिनके पास राजस्व अभिलेखों के अनुसार कृषि योग्य भूमि हो तथा इसमें गन्ना फसल बोई गयी हो। फर्जी, भूमिहीन, डबल बाण्ड वाले तथा मृतक कृषकों के सट्टे बन्द किये जाएगें, सन्देहास्पद सट्टों का शत्प्रतिशत सत्यापन करा कर गन्ना माफियाओं का उन्मूलन कराया जाएगा। जिससे वास्वविक कृषकों को गन्ना आपूर्ति में सहूलित हो सके और लघु तथा सीमान्त कृषकों के उत्पीडन और शोषण पर लगाम लगे।


गन्ना एवं चीनी आयुक्त गन्ना आयुक्त मनीष चौहान द्वारा यह भी बताया गया कि जिन किसानों के भू-अभिलेख व गन्ना सर्वेक्षण के आंकडे फर्जी पाये जाएंगे उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिष्चित करते हुए उनका सट्टा बन्द करने, समिति सदस्यता खारिज करने और गन्ना मूल्य जब्त कराने के साथ-साथ संगत विधिक कार्यवाही भी जिला गन्ना अधिकारी के स्तर से करते हुए इसकी सूचना मुख्यालय को भी उपलब्ध करायी जाएगी। मृतक कृषक की स्थिति में नियमानुसार वारिसों को एक सप्ताह के अन्दर मेम्बर बनाकर उनका सट्टा संचालित करने हेतु भी निर्देश दिये गये हैं।

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