गुरुओं का आर्शीवाद जरुरी - ब्रजेश पाठक

उच्च न्यायालय के लखनऊ पीठ के न्यायाधीश एवं मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री अनंत कुमार ने कहा है कि माॅ शारदा की भक्ति से शरीर ही नही मन भी भाव विभोर हो जाता है। इससे मन पवित्र होने के साथ ही आन्तरिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

Update: 2019-07-20 13:50 GMT

लखनऊ।  उच्च न्यायालय के लखनऊ पीठ के न्यायाधीश एवं मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अनंत कुमार ने कहा है कि माॅ शारदा की भक्ति से शरीर ही नही मन भी भाव विभोर हो जाता है। इससे मन पवित्र होने के साथ ही आन्तरिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अनंत कुमार इन्दिरा गाधी प्रतिष्ठान मे शुक्रवार को माँ शारदा भजनान्द प्रकाश भजन संध्या के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि माँ शारदा एवं गुरुदेव को नमन करता हूं। उन्होने इस भजन संध्या की सफलता के लिए बधाई दी। इस आयोजन के लिए आयोजकों की सराहना की जानी चाहिए।

भजन संध्या के कार्यक्रम में न्यायमूर्ति डी. के. सिंह ने कहा कि माँ शारदा के चरणो में शत् शत् प्रणाम करता हू। उन्होने कहा कि गुरु के दर्शन प्राप्त होने का अवसर प्राप्त हुआ इसके लिए आयोजकों को कार्यक्रम के सफल होने की शुभकामनाएं देता हू।

इस अवसर पर उपस्थित विधि एंव न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस भजन संध्या कार्यक्रम में गुरु का आर्शीवाद प्राप्त होना बहुत ही जरुरी है। उन्होने कहा कि गुरु के लखनऊ आगमन से पूरे उ0प्र0 का भला होगा। उन्होने गुरु को प्रणाम करते हुए अनुरोध किया कि गुरु का आगमन लखनऊ मे बार-बार हो।

कार्यक्रम के संयोजक न्यायमूर्ति  शशिकांत ने कार्यक्रम के व्यवस्थापक जे0के0 सिंह, आलोक कुमार, राम वैश, अजय वैश, सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव, पी0पी0 श्रीवास्तव एस0एस0 जौहरी,  के0सी0 सिंह , मोनिका केसरवानी,रवि प्रकाश श्रीवास्तव को स्मृित चिन्ह्र भेट किया। इस अवसर पर 108 देवी प्रसाद महाराज की पुस्तक '' माया और ईश्वर'' का विमोचन किया गया ।

इस कार्यक्रम में विधिक अधिकारियों सहित भारी संख्या में भक्तजन, श्रद्धालु एवं गणमान्य एवं उपस्थि रहे।

Tags:    

Similar News