जिलाधिकारी ने बनाई नई व्यवस्था अब नही हो सकेगा निर्माण कार्यो के कार्यादेशो में खेल
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने विकास प्राधिकरण, नगरपालिका/नगर पंचायतों तथा जिला नगरीय विकास अभिकरण सहित निर्माण कार्य करने वाली सभी कार्यदायी संस्थाओ व विभागों के कार्यदेश जारी होने पर होने वाली गडबड को जड से खत्म करने के लिए एक नई व्यवस्था लागू कर दी है।
मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने विकास प्राधिकरण, नगरपालिका/नगर पंचायतों तथा जिला नगरीय विकास अभिकरण सहित निर्माण कार्य करने वाली सभी कार्यदायी संस्थाओ व विभागों के कायादेश जारी होने पर होने वाली गडबड को जड से खत्म करने के लिए एक नई व्यवस्था लागू कर दी है। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में हो रहे सभी निर्माण कार्यो की त्रिस्तरीय जांच कराई जायेगी। चाहे वो किसी भी विभाग के हो। उन्होने बताया कि निर्माण कार्य शुरू होने से लेकर समाप्ति तक 3 जांच से गुजरना होगा साथ ही विभागों द्वारा जारी होने वाले कार्यादेशो विभागों द्वारा नही दिये जायेगे बल्कि मुख्यविकास अधिकारी या जिलाधिकारी के माध्यम से खुली बैठक कर वितरित किये जायेगे।
ठेकेदारों को कार्यदेश वितरित करने से टेबल के नीचे वाली संस्कृति पर प्रहार होगा
जिलाधिकारी ने कहा कि बैठक आयोजित कर ठेकेदारों को कार्यदेश वितरित करने से टेबल के नीचे वाली संस्कृति पर प्रहार होगा। उन्होने कहा कि विभागों द्वारा जो भी कार्यदेश जारी होने है उनकी सूची सभी विभागध्यक्ष जिलाधिकारी को उपलब्ध करायेगे और बिना जिलाधिकारी के आदेश के ठेकेदार को नही देगे। उन्होने बताया कि कार्यदेश देने के बाद कार्य के शुरू होने पर एक जांच कराई जायेगी जो कि जिलास्तर के अधिकारियों द्वारा होगी, दूसरे फेज में मण्डल स्तर से जांच कराई जायेगी तथा तीसरी जांच अन्तिम भुगतान होने से पूर्व कार्य समाप्ति कर कराई जायेगी जो कि शासन स्तर से होगी। उन्होने कहा कि अगर जांच में निर्माण कार्येा में किसी भी प्रकार की गडबडी पाई जाती है और जांच रिपोर्ट में गडबडी मिलने के उपरान्त ठेकेदार द्वारा उसे ठीक कराया जाता है तो जांच करने वाली टीम का पूरा खर्चा सम्बन्धित ठेकेदार से वसूला जायेगा और उस पर 10 प्रतिशत का अर्थदण्ड भी लगाया जायेगा। उन्होने कहा कि ठेकेदार पारदर्शी तरीके से कार्य करे नही तो कार्यवाही भुगतने को तैयार रहे।
जिलाधिकारी ने कहा कि सचिव, मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है कि अपने स्तर से अवर अभियंताओं की एक निगरानी टीम गठित करक निर्माण कार्याे का निरीक्षण कराना सुनिश्चित करेगे और उसकी आख्या प्रेषित करेगें ।