सरकारी सेवा के लिए समुचित न पाये जाने पर दो जेल अधीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृृत्ति
लखनऊ। मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी विभागों में सेवा में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराने के लिए उनकी स्क्रीनिंग कराने का ऐलान कर सरकारी विभागों में हलचल मचा दी थी। लोगों को यह उम्मीद जगी कि इस फैसले से सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार खत्म होगा। अधिकारी व कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे, लेकिन इसके बाद भी कई अधिकारी सरकारी सेवा समुचित रूप से नहीं कर पा रहे हैं। इनके खिलाफ सरकार ने सख्त रवैया अख्तियार किया है। ऐसे ही प्रकरण में शासन ने दो अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर विदा कर दिया है।
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