'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' के माध्यम से शुरू की गई तकनीकी स्थानान्तरण की गूंज विदेशों में भी-सूर्य प्रताप शाही
कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2017 से 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' (किसान पाठशाला) के माध्यम से शुरू की गई तकनीकी स्थानान्तरण की मुहिम रंग लाई
लखनऊ। उन्नत कृषि तकनीकी का कृषि उत्पादन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण स्थान है। कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2017 से 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' (किसान पाठशाला) के माध्यम से शुरू की गई तकनीकी स्थानान्तरण की मुहिम अब रंग लाने लगी है। इस मुहिम की गूंज को प्रदेश और देश की सीमाओं को पार कर विदेशों में भी कृषि तकनीकी प्रसार के अभिनव प्रयोगों के रूप में स्वीकार किया गया है। इस योजना का मूल्यांकन करने वाली इण्टरनेशनल फूड पाॅलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (इफरी) के अध्ययनों से इस बात की तस्दीक होती है।
लखनऊ के रेनेशां होटल में अन्तर्राष्ट्रिय खाद्य नीति अनुसन्धान संस्था (इफरी) द्वारा 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' के मूल्यांकन हेतु आयोजित बैठक में सहभगिता की। pic.twitter.com/sCkMhBqO0N
— Surya Pratap Shahi (@spshahibjp) September 12, 2019
प्रमुख सचिव कृषि, अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कृषि प्रसार के सिस्टम को नये सिरे से जागृत किया गया है। इस सिस्टम के तहत किसानों को 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' के माध्यम से तकनीकी ज्ञान के साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है। प्रमुख सचिव ने बताया कि अब तक 4 सत्रों में 4 मिलियन से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि 5वीं पाठशाला आगामी रबी सीज़न से पूर्व अक्टूबर माह से शुरू की जायेगी।
अन्तर्राष्ट्रिय खाद्य नीति अनुसन्धान संस्था (इफरी) द्वारा 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' के मूल्यांकन हेतु आयोजित बैठक में लखनऊ में आयोजित हुए ऐतिहासिक कृषि कुंभ का कॉफी टेबल बुक की प्रति भेंट की@UPGovt @upagriculture @AgriGoI @krishikumbhup pic.twitter.com/HFL7KVRaSk
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