बाल अपराध को रोकना सर्वोच्च प्राथमिकता - मिनिस्टर ब्रजेश पाठक
विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि उ0प्र0 को बाल अपराध मुक्त बनाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में बाल अपराध को रोकने के लिए कड़े नियम बनाये गए हैं। उन्होंने कहा कि बाल अपराध पर अंकुश लागाने के लिए सरकार पूरी तरह गम्भीर है।
लखनऊ। विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि उ0प्र0 को बाल अपराध मुक्त बनाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में बाल अपराध को रोकने के लिए कड़े नियम बनाये गए हैं। उन्होंने कहा कि बाल अपराध पर अंकुश लागाने के लिए सरकार पूरी तरह गम्भीर है। बाल अपराधियों को सुसंस्कृत कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के भी सतत् प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए बाल अपराधियों को सुधार गृह में रखकर शिक्षित करने और जिम्मेदारियों के प्रति भी सजग करने पर विशेष ध्यान देने की व्यवस्था की गई है।
मंत्री ब्रजेश पाठक आज के0जी0एम0सी0 स्थित कलाम सेंटर के सभागार में International Confrence of forensic odontology and child abuse के चार दिवसीय सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बच्चों के प्रति अनाचार/अपराध रोकने के लिए यह सेमिनार बहुत उपयोगी होगा। देश-विदेश से आए हुए डेलीगेटों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि इस सेमिनार की सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस अवसर पर उन्होंने ''आई कैन'', वी कैन, इण्डिया कैन'' ओरल कैंसर को भगाने के लिए मशाल को जलाकर जनता के प्रति जागरूकता लाने की भी अपील की।
विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि भारत चिकित्सा विज्ञान में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लावारिश लाशों को उनके परिवार तक पहुंचाना एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस चुनौती पूर्ण कार्य को चिकित्सक पूरी नैतिकता एवं जिम्मेदारी से निर्वहन करते हैं, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में बाल अपराधों को रोकने के संबंध में गम्भीरता पूर्वक चर्चा होगी और जो भी सुझाव दिए जायेंगे, उन पर सरकार गम्भीरता पूर्वक विचार करेंगी।
इस अवसर पर उच्च न्यायालय लखनऊ के न्यायमूर्ति डी0एस0 त्रिपाठी, के0जी0एम0यू0 के कुलपति एम0एल0वी0 भट्ट, डेन्टल डीन मौ0 शादाब एवं आयोजक सचिव डा0 शालिनी गुप्ता सहित देश-विदेश से आए हुए विशेषज्ञ एवं मेडिकल छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।