खुद का नहीं कोई ठोर ठिकाना- दूसरों की समस्याएं कर रहे फोन पर दूर
समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों तक भेजे जा रहे पंपलेट में गुरुजी ने अपना कोई ठोर ठिकाना नहीं दिया है।
खतौली। खुद का तो कोई ठोर ठिकाना नहीं है फिर भी गुरुजी बंगाली केवल फोन नंबर के सहारे दूसरों की जटिल से जटिल समस्याएं दूर करने का दावा कर रहे हैं। बिना ठोर ठिकाने वाले गुरुजी बंगाली के खिलाफ नगर निवासी व्यक्ति द्वारा अफसरों से शिकायत करते हुए कथित तांत्रिक के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।
दरअसल खतौली क्षेत्र में बिकने वाले समाचार पत्रों के माध्यम से कई दिनों से एक पंपलेट लोगों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है। बरबस ही पंपलेट देखने को मजबूर लोगों से कथित तांत्रिक द्वारा दावा किया जा रहा है कि उनकी एक सलाह लोगों का जीवन बदल सकती है। मजेदार तथ्य यह भी है कि गुरुजी बंगाली तांत्रिक के नाम से समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों तक भेजे जा रहे पंपलेट में गुरुजी ने अपना कोई ठोर ठिकाना नहीं दिया है। केवल एक मोबाइल नंबर के सहारे लोगों को कथित तांत्रिक द्वारा अपने चंगुल में फंसाया जा रहा है।
नगर निवासी व्यक्ति ने कथित गुरुजी बंगाली के खिलाफ अफसरों से शिकायत कर अब कार्यवाही की मांग की है। शिकायतकर्ता को गुरुजी बंगाली के पंपलेट में लिखी गई उस लाइन पर एतराज है जिसमें कहा गया है कि माता बहने एक बार फोन जरूर करें। शिकायतकर्ता का कहना है कि क्या माता बहने ही किसी समस्या से ग्रसित होती हैं, पुरुष नहीं? फिर कथित गुरुजी बंगाली का कोई पता भी नहीं लिखा होने पर शिकायतकर्ता के मन मस्तिष्क के भीतर अनहोनी की शंकाओं को जन्म दे रहा है, इसीलिए कैच करता की और से आपत्ति जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि बड़ी-बड़ी समस्याओं का दावा करने वाले कथित तांत्रिकों के इस तरह के विज्ञापन आमतौर पर निजी एवं सरकारी यात्री बसों में जगह जगह चस्पा हुए दिखाई देते हैं। इसके अलावा शहरों एवं कस्बों के शौचालय, बस स्टेशन एवं रेलवे स्टेशन आदि प्रमुख स्थानों पर कथित तांत्रिकों द्वारा अपने पोस्टर चस्पा कराए जाते हैं।
सभी में तथाकथित तांत्रिकों द्वारा अपने ठौर ठिकाने का हवाला नहीं दिया जाता है, केवल मोबाइल नंबर के सहारे की लोगों को अपने चंगुल में फंसकर उनसे उतारी की जाती है। अब देखने वाली बात यह रह गई है कि दूसरों की समस्याएं पलक झपकते ही दूर करने का दावा करने वाले कथित गुरुजी बंगाली के खिलाफ अब क्या कार्रवाई की जाती है।