राजस्व, पुलिस व भूतत्व एवं खनिकर्म विभागों को सतत निगरानी एवं पेट्रोलिंग करने के निर्देश

Update: 2019-06-21 13:53 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने समस्त जिलाधिकारियों को मानसून सत्र (01 जुलाई से 30 सितम्बर तक) में स्वीकृत खनन क्षेत्रों से बाहर उप खनिजों के अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए संबंधित मार्गों पर राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं भूतत्व खनिकर्म विभाग की सतत निगरानी एवं पेट्रोलिंग कराने के निर्देश दिये हैं।

यह जानकारी भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक डा0 रोशन जैकब ने दी। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र (01 जुलाई से 30 सितम्बर तक) में प्रदेश के नदी तल में उपलब्ध उपखनिज बालू या मौरम का खनन व निकासी कार्य प्रतिबन्धित रहता है। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र में खनन संक्रिया प्रतिबंधित रहने की स्थिति में माह जून के अन्तिम सप्ताह में उपखनिज बालू व मौरम के खनन एवं निकासी में अप्रत्याशित वृद्धि होने से स्वीकृत क्षेत्रों से इतर खनन एवं अवैध परिवहन की संभावना बनी रहती है, जिससे राजस्व क्षति के साथ-साथ कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि उपखनिजों के अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण करने के लिए राजस्व विभाग, पुलिस विभाग व भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के सहयोग से सतत निगरानी रखी जा सकती है।

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