प्रतिबंधित दवाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग का जिला परिषद बाजार में छापा
जिला परिषद बाजार में पहुंचकर कोडिनयुक्त दवा का कारोबार करने वाले मेडिकल स्टोरों की जांच पड़ताल की गई है।
मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी दवा मंडी बन चुके जिला परिषद बाजार के अलावा कई अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई मेडिकल स्टोरों की जांच में कोडिन युक्त औषधि बेचने की अनुमति निरस्त कर दी गई है जिसके चलते अनुमति निरस्त किए जाने के बाद यह मेडिकल स्टोर कोडिन युक्त दवा नहीं बेच सकेंगे।
बृहस्पतिवार को सहायक आयुक्त औषधि सहारनपुर मंडल द्वारा अपने लाव लश्कर के साथ मुजफ्फरनगर की सबसे बड़ी दवा मंडी के रूप में विख्यात हो चुके जिला परिषद बाजार में पहुंचकर कोडिनयुक्त दवा का कारोबार करने वाले मेडिकल स्टोरों की जांच पड़ताल की गई है।
स्वास्थ्य विभाग के सहायक आयुक्त औषधि की ओर से बताया गया है कि उन्हें गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि जनपद के कुछ मेडिकल स्टोर एवं दवा एजेंसियां कोडिनयुक्त औषधियों का अवैध रूप से कारोबार कर रही है। इसके उपरांत सहायक आयुक्त औषधि द्वारा अपनी टीम को साथ लेकर जिला मुख्यालय पर स्थित जिला परिषद बाजार तथा शहर के अन्य स्थानों पर खुले मेडिकल स्टोरों की जांच की गई है।
जांच उपरांत सहायक औषधि युक्त सहारनपुर मंडल द्वारा फिलहाल 11 औषधि विक्रय संस्थानों में शामिल आदित्य फार्मा, दुकान नंबर -96, प्रथम तल, जिला परिषद मार्केट, मुजफ्फरनगर, एन.के. फार्मा, दुकान नंबर 11, 12, रोहिल्ला मार्केट, पचेंडा रोड, न्यू मंडी मुजफ्फरनगर, चेतन मेडिकोज, दुकान नंबर 118, 119, प्रथम तल, जिला परिषद मार्केट, मुजफ्फरनगर, कार्तिक फार्मास्यूटिकल्स, दुकान नंबर 65 बी, अगरवाल मार्केट, मुजफ्फरनगर, शंकर मेडिकोज, दुकान नंबर 45, प्रेमपुरी, गांधी पार्क, मुजफ्फरनगर, क्वालिटी मेडिसिन, दुकान नंबर 33, जिला परिषद मार्केट, मुजफ्फरनगर, कुमार ब्रदर्स, दुकान नंबर 58, भूतल, जिला परिषद मार्केट, मुजफ्फरनगर, हरिओम मेडिकल एजेंसी, दुकान नंबर 5, ग्राउंड फ्लोर, टी स्क्वायर कंपलेक्स, आर्य समाज रोड, मुजफ्फरनगर, मार्स मेडिकल एजेंसी, दुकान नंबर 36, जिला परिषद मार्केट, मुजफ्फरनगर, आशीष मेडिकोज, दुकान नंबर 78, भूतल, जिला परिषद मार्केट, मुजफ्फरनगर, मेडिको डिस्ट्रीब्यूटर, दुकान नंबर 61, बी.एस.ए. कंपाउंड, जिला परिषद मार्केट, मुजफ्फरनगर की कोडिंग युक्त दवा बेचने की अनुमति निरस्त कर दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग के इस छापे से औषधि विक्रेताओं में हड़कंप मचा हुआ है। सहायक आयुक्त औषधि द्वारा जांच का सिलसिला अभी तक जारी है।