ज्ञानवापी विवाद- मुस्लिम पक्ष का नया पैंतरा- किराएदारों ने फेंकी...

संभव है कि एएसआई टीम ने अपने सर्वेक्षण के दौरान मालवा हटाते समय उन्हें मूर्तियों को बरामद किया हो।

Update: 2024-01-27 04:59 GMT

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वेक्षण की रिपोर्ट उजागर होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने नया पैंतरा फेंकते हुए कहा है कि मलबे के एक टीले के भीतर से मिली मूर्तियों के टुकड़े वहां किराए पर रहकर अपनी दुकान चला रहे मूर्तिकारों द्वारा फेंके गए होंगे।

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के बारे में उजागर हुई ASI की रिपोर्ट को लेकर मस्जिद के संरक्षक अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने आशंका जताते हुए कहा है कि ज्ञानवापी परिसर के भीतर मलबे के एक टीले से मिली मूर्तियों के टुकड़े वहां पर किराए पर दुकान चला रहे मूर्तिकारों द्वारा फेंके गए होंगे जो इसे ध्वस्त करने से पहले एक इमारत में किराए की दुकानों में रहते हुए मूर्तियों का कारोबार करते थे।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के वकील अखलाक अहमद ने टीओआई से कहा है कि विवादित स्थल पर मस्जिद से पहले मंदिर होने की हिंदू पक्ष की दलील किसी नई खोज पर आधारित नहीं है।

उनका कहना है कि इस बात की संभावनाएं हैं कि 5 से 6 मूर्तिकारों ने 1993 से पहले ही मस्जिद के दक्षिणी हिस्से में क्षतिगत मूर्ति एवं कचरे को फेंक दिया होगा और 1993 में इसे लोहे की ग्रिल से ढक दिया गया था। इसलिए संभव है कि एएसआई टीम ने अपने सर्वेक्षण के दौरान मालवा हटाते समय उन्हें मूर्तियों को बरामद किया हो।

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