गोल्ड कारोबारी की 13 वर्षीय बेटी संयम पथ पर-खेलने की उम्र में बनेगी साध्वी

स्वर्ण कारोबारी की 13 वर्षीय बेटी अब सांसारिक जीवन को छोड़कर संयम पथ को अपनाते हुए आगे बढ़ेगी

Update: 2022-02-10 11:15 GMT

नई दिल्ली। स्वर्ण कारोबारी की 13 वर्षीय बेटी अब सांसारिक जीवन को छोड़कर संयम पथ को अपनाते हुए आगे बढ़ेगी। 17 फरवरी को गोल्ड कारोबारी की बेटी साध्वी की दीक्षा लेगी। अब 46 साधु एवं साध्वी गोल्ड कारोबारी की बेटी को दीक्षा दिलवाएंगे।

राजस्थान के राजसमंद जनपद के लंबोदी की रहने वाली 13 वर्षीय शिवांगी के पिता अंकित सर्राफा कारोबारी है। वर्ष 2009 की 25 फरवरी को जन्म लेने वाली उनकी 13 वर्षीय बेटी शिवांगी अब अपने 14 वे जन्मदिन से 8 दिन पहले जैन धर्म की दीक्षा लेंगी। संयम पद को अपनाने वाली शिवांगी के माता-पिता ने बताया है कि बचपन से ही उनकी बेटी धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने में लग गई थी। कम उम्र में भी जैन साधु एवं साधुओं की धर्म सभाओं में जाकर वह उनके प्रवचन सुना करती थी। इसलिए अब उनकी बेटी ने वर्ष 2019 में दीक्षा लेने का निर्णय लिया था। परिजनों ने जब अपनी बेटी के इस दो टू फैसले को सुना तो वह बुरी तरह से हैरान रह गए थे। परिवार के लोगों ने शिवांगी को समझाया भी लेकिन वह धर्म पद पर जाने से रुकने से नहीं मानी। इससे पहले वह जैन साधुओं की सेवा में भी रही। 6 महीने तक जैन साधुओं की सेवा में रहकर शिवांगी में तकरीबन 400 किलोमीटर की पैदल यात्रा भी की। अब वह 17 फरवरी को ब्यावर में सांसारिक जीवन को छोड़कर संयम पथ को अपनाते हुए साध्वी की दीक्षा ग्रहण करेगी।

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