नई दिल्ली। देश में धीरे धीरे लॉकडाउन बढ़ने के साथ-साथ लोगों का गुस्सा भी सातवें आसमान पर पहुंचना शुरू हो गया है। लोगों का कहना है कि जब इस देश में चुनाव हो सकते हैं तो पढ़ाई क्यों नहीं हो सकती? चुनाव हो सकते हैं! स्कूल कॉलेज, कोचिंग सेंटर क्यों नहीं खुल सकते?
अब लोग सड़कों पर आकर लॉकडाउन के साथ-साथ स्कूल कॉलेज बंद होने का जमकर विरोध कर रहे हैं। ताजा मामला बिहार का है जहां पर बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच कोचिंग सेंटर बंद करा दिए गए हैं। नाराज स्टूडेंट इस कदर नाराज हुए उनका गुस्सा इतना तेज हुआ कि उन्होंने सड़कों पर आकर तोड़फोड़ की और आगजनी तक कर डाली। इस मामले में पुलिस ने 9 छात्रों को गिरफ्तार किया है। हालांकि आगजनी से पूर्व जब छात्र एक जगह इकट्ठा हो रहे थे तो स्थानीय एसपी ने छात्रों को भी समझाया कि वह घर लौट जाए और इस तरह से बाधा उत्पन्न ना करें। मगर छात्र नहीं मानी एसपी ने यहां तक कहा कि अगर आप कोई अप्रिय घटना को अंजाम देते है, आपका भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
इसलिए उपद्रव ना करें और वापस लौट जाएं। मगर छात्र नहीं माने और उन्होंने सासाराम पोस्ट ऑफिस चौराहे और गौरक्षणी बाजार में उस वक्त आगजनी शुरू कर दी, जब सैकड़ों छात्र एक साथ मौजूद थे। सभी छात्रों ने कलेक्ट्रेट परिसर में घुसकर यात्री सेड तक को आग के हवाले कर दिया। इस बीच जमकर तोड़फोड़ की गई। इस हंगामे में नगर थाना अध्यक्ष नारायण सिंह सहित तीन अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को तो संभाल लिया और छात्रों को नियंत्रण करने के लिए आंसू गैस के गोले तक पुलिस को छोड़ने पड़े।
भारी संख्या में पुलिस पुलिस बल अब घटनास्थल पर मौजूद हैं। इस पूरे घटनाक्रम में दर्जनभर छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया है। छात्रों का तर्क है कि जब तमाम तरह की गतिविधियां संचालित है तो पढ़ाई पर रोक क्यों? शिक्षण संस्थानों पर ही रोक क्यों लगाई जा रही है? जब इस देश में चुनाव हो सकते हैं! तो पढ़ाई क्यों नहीं हो सकती? स्थिति संभालने के लिए एक वक्त ऐसा भी आया जब रोहतास के डीएम धर्मेंद्र कुमार को भी मोर्चा संभालना पड़ा।