मुजफ्फरनगर। एसडी कॉलेज आफ फार्मेसी में अक्टोपिक प्रेगनेंसी एवं टैरेटोजैनेसिटी विषय को लेकर आयोजित किए गए एक दिवसीय अतिथि व्याख्यान में विशेषज्ञों द्वारा गर्भावस्था के दौरान महिला को उत्पन्न होने वाली बीमारी एवं उसके उपचार की जानकारी दी गई। शहर के भोपा रोड स्थित एसडी कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी एंड वोकेशनल स्टडीज में आयोजित किए गए एक दिवसीय व्याख्यान में मुख्य अतिथि डिपार्मेंट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल टेक्नोलॉजी मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी तथा मेरठ के डॉक्टर विपिन कुमार गर्ग ने अक्टोपिक प्रेगनेंसी एवं टैरेटोजैनेसिटी विषय को लेकर स्टूडेंट को विभिन्न जानकारी दी।
अतिथि व्याख्यान में डाॅ0 विपिन कुमार गर्ग ने बताया कि अक्टोपिक प्रेगनेंसी को अस्थानिक गर्भावस्था भी कहा जाता है, यह तब होती है जब निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर, आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब में प्रत्यारोपित होता है। उन्होंने बताया कि यह स्थिति संबंधित महिला को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है और इसमें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया गया कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी के मुख्य प्रकार ट्यूबल, नॉन-ट्यूबल और हेटरोटोपिक होते हैं।
इस दौरान काॅलेज निदेशक डा0 अरविन्द कुमार ने डा0 विपिन कुमार गर्ग का स्वागत करते हुए बताया कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारणों में पिछली ट्यूबल सर्जरी, श्रोणि सूजन की बीमारी, धूम्रपान और उन्नत मातृ आयु शामिल हैं। इसके लक्षणों में पेट में दर्द, असामान्य रक्तस्राव और चक्कर आना शामिल हैं। उपचार के विकल्पों में दवा के माध्यम से उपचार, जैसे मिथोट्रेक्सेट का उपयोग, और सर्जिकल हस्तक्षेप, जैसे लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, शामिल हैं। इस व्याख्यान का उद्देश्य लोगों को एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बारे में जागरूक करना और समय पर उपचार के महत्व को समझाना था।
इस कार्यक्रम में संस्थान के डा0 वैशाली, डा0 भुवनेन्द्र सिंह, डाॅ निशा सिंह, डा0 पोपिन कुमार, डाॅ मंयक चितरांश, मीनू देवी, रितू कौशिक, रवि कुमार, आसिफ खान, दीपिका, संजीव रतन तिवारी, अनुराग कुमार, कुलदीप सैनी, मौ0 सलमान, मौ0 जूबैर, नसीम अहमद, मुबास्सिर, अंशु पंवार, निदा बेबी, सुबोध कुमार, विनय कुमार, सना जैदी, सोनू कुमार, राहुल कुमार, अक्षय वर्मा, एलिश, अमन, स्मृति माथूर, आस्था, उत्सव गर्ग आदि उपस्थित रहे।