ओलंपिक में भारतीय बेटियों का जलवा-लवलीना ने कांस्य किया नाम

टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में भारत की स्टार युवा मुक्केबाज को सेमीफाइनल में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा है;

Update: 2021-08-04 07:05 GMT

नई दिल्ली। टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में भारत की स्टार युवा मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को सेमीफाइनल में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा है। 22 वर्षीय भारतीय महिला मुक्केबाज को मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बूसेनाज सुरमेनेली के हाथों सेमीफाइनल में हार सहन करनी पड़ी है। इस मुकाबले में पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग ले रही लवलीना ने हालांकि जीत के लिये पूरा जोर लगाया। लेकिन बुसेनाज के खिलाफ ज्यादा विशेष नहीं कर पाई। भारतीय मुक्केबाज को इस मुकाबले में 0-5 से हार झेलनी पड़ी।

भारतीय मुक्केबाज फाइनल में पहुंचने से भले ही चूक गई हैं। लेकिन इसके बावजूद भी वह इतिहास रचने में कामयाब रही हैं। वह अब ओलंपिक इतिहास में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई हैं। इतना ही नहीं लवलीना 125 साल के ओलंपिक इतिहास में असम की ऐसी पहली महिला एथलीट हैं जिन्होंने पदक जीता है। लवलीना द्वारा बुधवार को जीते गए कांस्य पदक के साथ ही पदको की सूची में भारत के मेडलों की संख्या 3 हो गई है और तीनों ही पदक भारतीय बेटियों ने जीते हैं। जिनमें मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर पदक जीता है तो वही बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पीवी सिंधु और लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक अपने नाम किए हैं।

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