हाथरस की बेटी का जबरन दाह संस्कार सबूत मिटाने की कोशिश है: अखिलेश यादव

पूर्व सीएम ने ताजा ट्वीट में लिखा कि 'हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है।

Update: 2020-10-01 13:17 GMT

लखनऊ। हाथरस की बेटी के साथ जो कुछ हुआ उसने निर्भया मामले की दरिंदगी की याद दिला दी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार ट्वीट करके योगी सरकार को इस मामले में घेर रहें हैं। हाल ही उन्होंने कहा था कि हाथरस की बेटी का जबरन दाह संस्कार सबूत मिटाने की कोशिश है। यानी गैंगरेप पीडिता का जबरन दाह संस्कार भाजपा सरकार का पाप और अपराध है। अखिलेश यादव कहा कि प्रशासन ने जो किया वह शासन के मूक आदेश पर किया गया है। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि जनता, भाजपा के कुशासन का असली रंग देख रही है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व सीएम ने ताजा ट्वीट में लिखा कि 'हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है। अब जनता भी इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ की चैखट तक ले जाएगी। भाजपा के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है। कपटियों का लबादा उतरते में देर नहीं लगेगी।

वहीं, इस घटना के बाद बलरामपुर में एक और दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, "हाथरस के बाद अब बलरामपुर में भी एक बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार और उत्पीड़न का घृणित अपराध हुआ है व घायलावस्था में पीड़िता की मृत्यु हो गयी है। श्रद्धांजलि! भाजपा सरकार बलरामपुर में हाथरस जैसी लापरवाही व लीपापोती न करे और अपराधियों पर तत्काल कार्रवाई करे। (हिफी न्यूज)

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