अखिलेश यादव ने शांतिपूर्ण एवं अहिंसात्मक धरना के लिए पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं को बधाई दी
समाजवादी पार्टी द्वारा विधान भवन परिसर से लेकर सड़कों तक पर शांतिपूर्ण धरना दिया गया
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आह्वान पर राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों में नागरिक संशोधन अधिनियम, छात्र-छात्राओं पर बर्बर लाठी चार्ज तथा किसानों, नौजवानों एवं महिलाओं के विरूद्ध उत्पीड़न की कार्यवाहियों के विरोध में समाजवादी पार्टी द्वारा विधान भवन परिसर से लेकर सड़कों तक पर शांतिपूर्ण धरना दिया गया। धरना के पश्चात् समाजवादी पार्टी द्वारा ज्ञापन देकर राज्यपाल का जनसमस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया गया। इस धरना कार्यक्रम में प्रदेश भर में लाखों लोगों ने भाग लिया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शांतिपूर्ण एवं अहिंसात्मक धरना के लिए पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं को बधाई दी और कहा कि भाजपा को लोकतंत्र और संविधान की परवाह नहीं है। धारा 144 लगाकर जनता को बंधक बनाया गया है। भाजपा सरकार ने आपातकाल जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर सत्ता पर काबिज रहने के लिए काला कानून लाई है। धर्म के आधार पर नागरिकता की बात स्वीकार नहीं की जा सकती है। भाजपा भाईचारा तोड़ने और नागरिकों के बीच खाई पैदा करना चाहती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का राजहठ देश के भविष्य के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। नागरिकता संशोधन अधिनियम की वजह से दुनिया भर में हमारे देश की साख की अपूर्णीय क्षति हुई है। श्री यादव ने कहा कि एक तो पुलिस प्रशासन ने तांडव मचाया और अब निर्दोषों को फंसाने की साजिश रची जाने के संकेत है। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों का किसी तरह का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के धरना के सम्बंध में प्रशासन को पहले ही सूचना दे दी गई थी। इसके बावजूद पुलिस द्वारा कल से ही पार्टी नेताओं को नोटिसें जारी की गई और उनकी पेशबंदी की गई। कई पार्टी अध्यक्षों के घरों को पुलिस ने घर में ही कैद कर दिया। धारा 144 लागू कर जनता के अधिकारों पर चोट की गई। प्रेस को भी पाबंद किया गया। पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ बदसलूकी थी। कई स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं पर बर्बरता से लाठीचार्ज हुआ।
राजधानी लखनऊ में कैसरबाग स्थित पार्टी के जिला कार्यालय, नगर कार्यालय के अतिरिक्त अम्बेडकर प्रतिमा स्थल और कलेक्ट्रेट पर समाजवादी कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण ढंग से धरना के लिए कलेक्ट्रेट पर एकत्र समाजवादी अपना ज्ञापन सौंपना चाहते थे किन्तु पुलिस ने उन पर लाठियां चलाई जिससे दर्जनों पदाधिकारी घायल हो गए। सैकड़ों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इससे पूर्व विधायकों ने विधान भवन के बाहर प्रदर्शन किया और जनता की आवाज बुलन्द की। इसमें नेता विरोधी दल राज्य विधानसभा रामगोविन्द चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने नेतृत्व किया।
आज कई जनपदों में जब पार्टी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन देने जा रहे थे उन्हें पहले ही दूर रोक लिया गया। पार्टी कार्यकर्ता तब वहीं धरने पर बैठ गए। पुलिस ने कई जगह गिरफ्तारियां की। शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े। जनप्रतिरोध रोकने के लिए शासन ने तानाशाही का रवैया अपनाया।
राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम देश और समाज को बांटने की साजिश है। नोटबंदी-जीएसटी लागू होने के बाद से व्यापार धंधा चौपट है। नौजवान बेरोजगार हो गए हैं। कानून व्यवस्था बदहाल है। मंहगाई चरम पर है। महिलाओं, बच्चियों के साथ उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही है। गन्ना, धान, आलू किसान संकट में है। किसानों पर लगे फर्जी केस खत्म हों, उन्हें फसल का लाभप्रद मूल्य मिले, ओलावृष्टि से सरसों, गेंहू की बर्बाद फसल का मुआवजा दिया जाए।