सत्ता का दंभ अब सिर चढ़कर बोल रहा है : अखिलेश यादव
लोकतंत्र में संविधान और नैतिक मूल्यों को दरकिनार करते हुए भाजपा की प्रदेश सरकार को भ्रम है कि उसके अवांछित आचरण की जनता उपेक्षा कर देगी या मौन रहकर सह लेगी।
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में सत्ता का दंभ अब सिर चढ़कर बोल रहा है। वह जनता की आवाज को बूटो तले रौंदते हुए मनमानी पर उतर आयी है। लोकतंत्र में संविधान और नैतिक मूल्यों को दरकिनार करते हुए भाजपा की प्रदेश सरकार को भ्रम है कि उसके अवांछित आचरण की जनता उपेक्षा कर देगी या मौन रहकर सह लेगी। लेकिन अत्याचारी जान लें इंसाफ की सुबह होकर रहेगी।
विजयदशमी की सुबह से पहले रात के अंधेरे में झांसी में सत्ता की ताकत झोंककर पुष्पेन्द्र यादव का अंतिम संस्कार कर सरकार ने न्याय की चिता जलाई है। परिवारीजन और स्थानीय जनता मांग कर रही थी कि फर्जी एनकाउंटर करने वाले दारोगा धर्मेन्द्र सिंह के खिलाफ भी धारा 302 में रिपोर्ट लिखी जाए तभी पुष्पेन्द्र के शव को लिया जाएगा। स्मरणीय है, पुष्पेन्द्र को 5 अक्टूबर को इन्काउटंर में पुलिस ने मार गिराने का दावा किया था।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 9 अक्टूबर 2019 को झांसी पहंुचकर ग्राम करगुआ खुर्द थाना एरच स्थित पुष्पेन्द्र यादव के पीड़ित परिवारीजनों से भेंटकर उन्हेें सांत्वना देगें। पुष्पेन्द्र यादव की विगत 5 अक्टूबर 2019..https://t.co/Q5mfmb1wys
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 8, 2019
पुलिस का बेहद निंदनीय रवैया यह रहा है कि पुष्पेन्द्र को न्याय देने के बजाय उलटा उनके शोकाकुल परिजनों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस दरअसल अपने किए पाप पर पर्दा डालने के लिए जनता की आवाज को कुचलने पर तुले हैं। पुलिस का यह रवैया झांसी के मामले में ही नहीं बदायूं में हिरासत में दम तोड़ने वाले बृृजपाल के साथ भी नजर आया जब उसका अंतिम संस्कार जबरन पुलिस ने करा दिया।
भाजपा सरकार के मंत्री बिना जांच हुए ही पुलिस की कहानी दुहराने लगे हैं। स्पष्ट है कि पूरी भाजपा सरकार फर्जी इन्काउटंर का भंडाफोड़ होने की आशंका से सकते में हैं। वह भय, दहशत और आतंक के बल पर अपनी बात मनवाना चाहती है।
समाजवादी पार्टी अन्याय के खिलाफ हमेशा संघर्ष करती रही है। उसकी मांग है कि पुष्पेन्द्र यादव के मामले सहित पूर्व में हुए सभी फर्जी इन्काउटंरो की जांच हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश से कराई जाए। इससे सच्चाई सबके सामने आ सकेगी।