ONE WEEK- गायत्री प्रजापति पर दूसरी FIR, धमकाने और धोखाधड़ी के आरोप

पूर्व गायत्री प्रजपति की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। एक सप्ताह पूर्व रिहा होने के बाद उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ा है

Update: 2020-09-18 10:23 GMT

लखनऊ। यूपी में सपा सरकार के मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजपति की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। एक सप्ताह पूर्व रिहा होने के बाद उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ा है। गायत्री प्रसाद प्रजापति के विरुद्ध उनकी कंपनी के ही पूर्व निदेशक बीबी चौबे ने मोर्चा संभाल लिया है। 

पूर्व निदेशक बीबी चौबे ने लखनऊ के गोमतीनगर एक्‍सटेंशन थाना में गायत्री प्रजापति, उनके बेटे अनिल प्रजापति पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला सहित 4 लोगों के विरुद्ध फ्रॉड, रंगदारी, डराने और षड्यंत्र करने के आरोप में मुकदमा दाखिल कराया है। आपको बता दें कि 1 सप्ताह के भीतर गायत्री प्रजापति के खिलाफ यह दूसरी एफआईआर हुई है। इससे पूर्व गाजीपुर थाना में पूर्व मंत्री सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

दर्ज एफआईआर में बीबी चौबे का कहना है कि गायत्री प्रजापति ने रेप का आरोप लगाने वाली महिला को सेट करने के लिए जो मकान और जमीन दी, वह उनकी थी। जब गायत्री प्रजापति की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से रद्द हो गई तो उन्होंने अपने बेटे अनिल प्रजापति के सोर्स से महिला से संपर्क किया।

कंपनी के पूर्व निदेशक बीबी चौबे ने बताया कि करीब एक करोड़ रुपये की संपत्ति मिलने के बाद भी महिला का लालच खत्म नहीं हुआ और उसने जमीन की मांग की। इस पर गायत्री प्रजापति और उनके बेटे अनिल ने बीबी चौबे से उनकी व पत्नी के नाम से खरगापुर में स्थित 90 लाख रुपये कीमत के दो प्लाट महिला के नाम पर करने को कहा।

बीबी चौबे कहते है कि उन्होंने अपना और पत्नी के दोनों प्लाट का बैनामा करने से मना किया तो पूर्व मंत्री ने जान से मारने और पूरे परिवार को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। डर के मारे बीबी चौबे ने 4 अगस्त 2018 को अपना और पत्नी का प्लाट महिला के नाम पर कर दिया।

इसके अलावा पूर्व मंत्री ने मुकेश के नाम से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों को बेचकर उसका नकद रुपया महिला को पहुंचाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री के कहने पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों और करीबियों से रुपया उधार लेकर मंत्री के आदमियों को करोड़ों रुपये दिए, जिसे महिला के बैंक खातों में डलवाया गया। नकद रकम महिला व उसके भाई राजू चौबे को दी गई जिसके सारे प्रमाण उनके पास हैं। बीबी चौबे का कहना है कि महिला उनसे और जमीन की मांग कर रही है।

वह उनके भांजे सुनील मिश्रा के मोबाइल पर मैसेज व कॉल करके धमका रही है। जमीनें न देने पर उन्हें गौतमपल्ली में राम सिंह राजपूत, अधिवक्ता दिनेश चंद्र त्रिपाठी, अंशु गौड़ व दो अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में नाम शामिल कराने की बात कह रही है। बृज भवन के अनुसार उन्होंने पूर्व मंत्री से अपनी जमीन का रुपया मांगा तो उन्होंने व अनिल ने धमकाना प्रारंभ कर दिया। उन्हें कंपनी के निदेशक पद से हटा दिया गया और बकाया वेतन भी नहीं दिया गया कई चेक पर जबरन साइन करा लिए गए।

बीबी चौबे ने बताया कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने उन्हें केजीएमयू बुलाया था। वहां जाने पर वह महिला और अन्य लोग बैठे मिले। सभी ने मिलकर उन्हें धमकाया और बेटे के अपहरण की धमकी दी। बीबी चौबे का कहना है कि उनके पास गायत्री प्रजापति की बेनामी संपत्तियों की जानकारी है, जिसे वह पुलिस को बताने को तैयार हैं।

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