जनसंख्या नियंत्रण कानून की लोकसभा में उठी मांग-कारण संसाधन है कम
17 दिनों तक चलने वाले लोकसभा के शीतकालीन सत्र में देश के भीतर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किए जाने की मांग उठाई गई है।;
नई दिल्ली। 17 दिनों तक चलने वाले लोकसभा के शीतकालीन सत्र में देश के भीतर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किए जाने की मांग उठाई गई है। इसके लिए दलील दी गई है कि देश में खेती और आवासीय भूमि सीमित है और कई अन्य संसाधन भी सीमित संख्या में है।
बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद सत्यदेव पचौरी में लोकसभा के भीतर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा है कि देश की जनसंख्या दिनों दिन इस कदर बढ़ती जा रही है कि खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए देश में खेती की जमीन कम पड़ रही है। आवासीय भूमि की समस्या भी दिनोंदिन गहरी होती जा रही है।
देश में मौजूद कई अन्य संसाधन भी ऐसे हैं जो घनी आबादी के लिए पर्याप्त नहीं है। बढ़ती जनसंख्या का आलम अब ऐसा हो चला है कि बेरोजगारी की समस्या दिनोंदिन युवाओं के सामने आकर खड़ी हो रही है। ऐसे हालातों को नियंत्रित करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाना और उसे लागू करना अब जरूरी हो गया है। जिसमें देरी किया जाना देश और यहां के लोगों के लिए घातक साबित होगा।
इसके अलावा वन्य जीव संरक्षण संशोधन बिल समुद्री जल दस्युता विरोधी विधेयक 2019, बहु राज्य सहकारी समितियां संशोधन विधेयक पर भी चर्चा की गई है।