किसान ही नहीं श्रमिक शोषण का कानून भी लायी सरकार : कांग्रेस

काम की शर्तों तथा अन्य सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया है ये तीनों कानून श्रमिकों का शोषण करने और पूंजीपतियों तथा उद्योगपतियों के हित में है

Update: 2020-09-26 10:24 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार को किसान और श्रमिक विरोधी करार देते हुए कहा है कि संसद के मानसून सत्र में किसानों के लिए तीन काले कानून बनाने के साथ ही उसने श्रमिकों के हितों की अनदेखी करके उनका शोषण कराने वाले तीन विधेयक भी पारित कराए हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा तथा कांग्रेस से सम्बद्ध मजदूर संगठन इंटक के अध्यक्ष डॉ संजीव रेड्डी ने शनिवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने श्रमिको से संबंधित जो तीन विधेयक संसद में पारित कराए हैं उनमें श्रमिकों के हितों की पूरी तरह से अनदेखी हुई है और काम की शर्तों तथा अन्य सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया है। ये तीनों कानून श्रमिकों का शोषण करने और पूंजीपतियों तथा उद्योगपतियों के हित में है।

उन्होंने कहा कि इन तीनों कानूनों को सरकार जिस तरह से पारित करना चाहती थी उसने वैसा ही किया और अपने मनमाफिक कानून बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसी से सलाह मशविरा किए बिना इन विधेयकों को पारित करके श्रमिकों के शोषण का फैक्ट्री मालिकों को अधिकार दिया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे ताज्जुब हो रहा है कि इस कानून में जब इतनी खामियां है तो भाजपा से संबद्ध मजदूर संगठन इसके विरोध में आवाज़ क्यों नहीं उठा रहे हैं। उनका कहना था कि केंद्र में कांग्रेस की सरकारों ने जब भी इन कानूनों में थोड़ा बहुत बदलाव करने का प्रयास किया तो उसको लेकर मजदूर संगठनों आदि से सलाह मशविरा किया गया लेकिन इस बार सरकार ने किसी से कोई परामर्श किए बिना इन विधयकों को पारित कराया है और अपनी मनमानी का परिचय दिया है।

वार्ता

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