लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ : राहुल गांधी

सार्वजनिक उपकरणों का निजीकरण और नौकरियों में कटौती करना बंद करें।

Update: 2020-09-10 09:32 GMT

 दिल्ली लॉकडाउन, देश में बढ़ी बेरोजगारी और लचर अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर एक बार केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर कर कहा सरकार की गलत नीतियों के कारण करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई हैं और जीडीपी(GDP) में ऐतिहासिक गिरावट आई है। इस सरकार ने भारत के युवाओं के भविष्य को कुचल दिया है। आइए उनकी आवाज को सुनाएं।

राहुल गांधी ने कहा अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ। वादा था 21 दिन में कोरोना ख़त्म करने का, लेकिन ख़त्म किए करोड़ों रोज़गार और छोटे उद्योग। पीएम मोदी का जनविरोधी 'डिज़ास्टर प्लान'।

राहुल गांधी ने SpeakUpForJobs के तहत ट्विटर पर एक और वीडियो मुहिम चलाई है। वीडियो में कहा गया है, "कोरोना महामारी में बिना सोचे समझें किए गए लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। छोटे मध्यम व्यापार तबाह हो चुके हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि हमने सरकार से देश के बेरोजगारों और गरीबों को प्रति माह 6000 रुपये नकद देने की मांग की थी। राहुल गांधी ने कहा, "देश के लोगों की ओर से हम सहायता की मांग करते हैं। केंद्र सरकार बेरोजगार युवाओं और गरीब परिवारों को तुरंत न्याय दें। तुरंत न्याय यानी कि 12 महीने के लिए प्रति माह नकद 6000 रुपये दे"

राहुल गांधी ने साथ ही केंद्र सरकार में खाली पड़े पदों को भरने की मांग रखी है। वीडियो में कहा गया है, "सार्वजनिक उपकरणों का निजीकरण और नौकरियों में कटौती करना बंद करें। केंद्र सरकार के 10 लाख से अधिक खाली पड़े पदों को भरें। भाजपा सरकार को रोजगारों के अवसरों को बढ़ाने के लिए अपनी नीतियों में संशोधन करना चाहिए। लघु और मध्यम उद्दोगों का समर्थन करना चाहिए। Speak Up For Jobs अभियान से जुड़िए। सभी अपनी राय सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव होकर या वीडियो के जरिए शेयर करें"

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