विधायक ने लगाया आरोप-किसान कपास को कम दाम पर बेचने को मजबूर

सरकार ने किसानों को फसली विविधता का ढिंढोरा पीटते धान की जगह मक्का, कपास, दालें और सब्जियां आदि बोने की ओर उत्साहित किया

Update: 2020-10-04 09:44 GMT

चंडीगढ। आम आदमी पार्टी विधायक प्रो. बलजिन्दर कौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब के किसान मालवा क्षेत्र में कपास की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर हो गये है चूंकि भारतीय कपास निगम ने अब तक इस की खरीद शुरू नहीं की।

विधायक प्रो. बलजिन्दर कौर ने बयान में कहा कि कपास हेतु एमएसपी 5515 और 5725 प्रति क्विंटल तय किया गया है, किंतु इस को 4000 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जा रहा है। वहीं व्यापारियों की ओर से फसल में नमी की मात्रा ज्यादा होने का हवाला देकर कम भुगतान किया जा रहा है।

विधायक प्रो बलजिंदर के मुताबिक किसानों का कहना है कि इसी कारण वह रवायती फसलें जैसे गेहूं और धान को महत्व देने पर मजबूर हैं चूंकि सरकारी खरीद होने के कारण यह फसलें तय मूल्य पर बिकतीं हैं हालांकि नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के तहत यह दोनों फसल भी व्यापारियों के हाथों में सौंप दी जाएंगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को फसली विविधता का ढिंढोरा पीटते धान की जगह मक्का, कपास, दालें और सब्जियां आदि बोने की ओर उत्साहित किया, परन्तु इन फसलों की खरीद और मंडीकरण की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जिसका नतीजा यह हुआ कि किसान और बर्बादी की ओर धकेला गया।

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