राष्ट्रगान की सुमधुर धुन के बीच डीजी जेल ने फहराया तिरंगा

DG जेल आनंद कुमार ने PSC के बैंड द्वारा बजाई जा रही राष्ट्रगान की सुमधुर धुन के बीच मुख्यालय भवन पर ध्वजारोहण किया।

Update: 2022-08-15 11:19 GMT

लखनऊ। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर देशभर में मनाये जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस के महान राष्ट्रीय पर्व पर डीजी जेल आनंद कुमार ने पीएसी के बैंड द्वारा बजाई जा रही राष्ट्रगान की सुमधुर धुन के बीच मुख्यालय भवन पर ध्वजारोहण किया। इससे पहले डीजी जेल मुख्यालय स्थित परिसर में स्थापित शहीद स्मारक पर पहुंचे और जेल की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद जेल अधिकारियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

सोमवार को डीजी जेल आनंद कुमार ने विभागीय मुख्यालय पर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएसी के बैंड द्वारा बजाई जा रही राष्ट्रगान की सुमधुर धुनों के मध्य ध्वजारोहण किया। इससे पहले मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा शहीद स्मारक पहुचकर डीजी जेल ने जेल की सेवा करते हुए प्राणों की आहुति देने वाले शहीद जेल अधिकारियों कर्मचारियों व कर्मचारियों को याद कर उन्हे भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

झंडारोहण के बाद मुख्यालय के अधिकारियों कर्मचारियों के नाम संदेश देते हुए डीजी जेल ने कहा कि आजादी के इस अमृत महोत्सव के दिन हम सभी को गर्व है कि हमारे देश ने इन 75 वर्षों में बहुत तेजी से प्रगति की है और बड़ी उपलब्धियां अर्जित की हैं।

 डीजी जेल ने बताया कि वर्ष 1947 तक अंग्रेजों के शोषण एवं उत्पीड़न की नीति तथा उपनिवेश की मानसिकता के कारण हमारे देश में खाद्यान्न का उत्पादन भी इतना नहीं था कि सबको दो जून की रोटी मिल सके। आजादी के 75 साल बाद आज हमारा देश न सिर्फ खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है बल्कि दूध एवं मक्खन आदि के उत्पादन के मामले में दुनिया में शीर्ष पर है। इसी प्रकार हमारी सेना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है, आज हम स्पेस टेक्नोलॉजी के मामले में भी विश्व में सिरमौर हैं।

विगत तीन-चार वर्षों में कारागार विभाग की उल्लेखनीय उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक समय था जब जेलों का माहौल अच्छा नहीं था और यहां सिर्फ भ्रष्टाचार, शोषण उत्पीड़न, पलायन, हिंसात्मक घटनाओं और मोबाइल के प्रयोग और वायरल वीडियो के लिए ही जेलों की चर्चा होती थी।

लेकिन आज जेलों में बन्दियों की उच्च शिक्षा, हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के इम्तहान में बन्दियों द्वारा उच्च अंक प्राप्त करने, जेलों में चल रहे बंदी पुनर्वास और कौशल विकास के विभिन्न कार्यक्रम जेलों में आटोमेटिक पाकशाला उपकरणों, उच्च तकनीकी के प्रयोग द्वारा जेलों में अचूक सुरक्षा प्रबंध, सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन कैमरे आदि द्वारा जेलों का प्रबंधन अचूक हुआ है और जेलों की छवि में व्यापक सुधार हुआ है।

डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि सिर्फ तकनीकी ही नहीं जेलों में कुख्यात अपराधी और माफियाओं को आज जेलों के अनुशासन का पता चल रहा है और वे कानून व्यवस्था के झंडे के नीचे जेल काट रहे हैं।

डीजी जेल ने आगे कहा कि उनकी नीति है कि अच्छे कार्य करने वाले जेल अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाए और इस हेतु उनके द्वारा प्रारंभ की गई कमेंडेशन डिस्क और प्रशंसा पत्र की व्यवस्था से जेल कर्मियों का मनोबल ऊंचा हुआ है और वह अब और भी बढ़ चढ़कर विभाग हित में काम करने को तत्पर हुए हैं।

इस अवसर पर उन्होंने कारागार विभाग की उत्कृष्ट सेवा हेतु डीआईजी जेल मुख्यालय शैलेंद्र कुमार मैत्रेय, जेल अधीक्षक मुख्यालय संतलाल सहित

जेल मुख्यालय के अन्य 34 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कमेंडेशन डिस्क और प्रशंसा पत्र प्रदान किये।

उल्लेखनीय है कि अमृत महोत्सव सप्ताह के दौरान सभी जेल अधिकारियों कर्मचारियों ने अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाए हैं। जेलों और कारागार मुख्यालय भवन पर बिजली की रोशनी की गई है। जेलों और कारागार मुख्यालय में निरंतर सफाई अभियान चलाया जा रहा है।

कार्यक्रम के उपरांत डीजी जेल आनंद कुमार, पुलिस महानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह, अपर महानिरीक्षक कारागार चित्रलेखा सिंह, उप महानिरीक्षक कारागार शैलेंद्र मैत्रेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरके मिश्रा, जेल अधीक्षक संतलाल ने वृक्षारोपण भी किया।

कार्यक्रम के समापन पर सभी जेल कर्मियों को मिष्ठान वितरण किया गया।

 

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