राज्यपाल उत्तर प्रदेश राम नाईक का नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन

राज्यपाल राम नाईक के द्वारा प्रदेश के लिए की गयी उल्लेखनीय सेवाओं एवं मार्गदर्शन हेतु सम्मान व अभिनंदन, योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश व समस्त उत्तर प्रदेशवासियों द्वारा किया गया।

Update: 2019-07-28 15:17 GMT

लखनऊ । लोकभवन  के सभागार में राज्यपाल उत्तर प्रदेश राम नाईक का नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया।अभिनंदन समारोह में राज्यपाल राम नाईक अपनी पत्नी कुंडा नाईक व बेटियों डॉ. निशा, विशाखा कुलकर्णी के साथ आये थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता संसदीय कार्यमंत्री, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने किया।

अभिनंदनसमारोह 
की अध्यक्षता संसदीय कार्यमंत्री, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने की




राज्यपाल राम नाईक के द्वारा प्रदेश के लिए की गयी उल्लेखनीय सेवाओं एवं मार्गदर्शन हेतु सम्मान व अभिनंदन, योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश व समस्त उत्तर प्रदेशवासियों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर यूपी कैबिनेट के अधिकांश मंत्री, सदस्य विधान सभा व विधान परिषद ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस, ब्यूरोक्रेट सहित कई वीवीआईपी हस्तियां उपस्थित रहीं।





इस अवसर पर एक वृत्तचित्र का प्रसारण भी हुआ जिसमें राम नाईक के कार्यकाल की मुख्य झलकियां दिखाई गयी।


उल्लेखनीय है  राम नाईक का जन्म महाराष्ट्र के साधारण मराठी परिवार में सांगली में 16 अप्रैल 1934 को हुआ था। आज से पांच वर्ष पहले, 22 जुलाई 2014 को राम नाईक ने उत्तर प्रदेश के 28वें राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया था। पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान  राम नाईक ने मृदुल व्यवहार, सरलता व सक्रियता के चलते 22 करोड़ प्रदेशवासियों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है। राम नाईक  3 बार विधायक व 5 बार सांसद रह चुके हैं।


पहले के राज्यपाल विधान सभा सत्र के दौरान सरकार का अभिभाषण की पहली और अंतिम लाइन पढ़कर समाप्त कर देते थे। लेकिन राम नाईक ने पूरा अभिभाषण पढ़ने की परंपरा का सूत्रपात किया। आप विधान सभा में लगभग 50 मिनट तक पूरा अभिभाषण पढ़ते थे। राम नाईक  ने सांसद रहते हुए कई अनूठे फैसले लागू करवाने में सफलता प्राप्त की। इनमें संसद में राष्ट्रगान की शुरुआत, बम्बई का नाम बदलकर मुम्बई करना, इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करना, कुष्ठरोगियों को प्रधानमंत्री आवास दिलाना, कुष्ठ रोगियों की पेंशन एक हज़ार से बढ़ाकर 3000 करना इत्यादि।


सांसद रहते हुए आप कैंसर की चपेट में आये लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास की बदौलत उसपर जीत हासिल करते हुए पुनः मुख्यधारा में लौट आये। आपकी लिखी विश्वप्रसिद्ध पुस्तक चरैवेति चरैवेति का विश्व की 10 भाषाओं में अनुवाद हुआ है। इतना ही नहीं यह पुस्तक ब्रेल लिपि में भी प्रकाशित हुई है। लीक से अलग हटकर नई परम्परा की शुरुआत की जो लोगों के लिए प्रेरणा और प्रकाश दिखाने का काम करेगा। राम नाईक ने राज्यपाल का असली अर्थ प्रदेशवासियों को बताया। अभिनंदन समारोह का आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर हुुआ।

गौरतलब है उत्तर प्रदेश के 30 वर्षों के इतिहास में यहपहला अवसर था जब किजसी राज्यपाल के विदाई समारोह का आयोजन किया गया।





प्रत्येक वर्ष ईद, बकरीद की नमाज़ पर आप ऐशबाग ईदगाह जाकर मुस्लिम समुदाय को बधाई देते थे। राम नाईक ने गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाने का कार्य किया। उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता राम नाईक का अभिनंदन करते हुए उनके स्वास्थ्य एवं लंबी उम्र की कामना करती है।

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