एयरफोर्स का कैप्टन जासूसी के इल्जाम मे गिरफ्तार

ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह की गिरफ्तारी की तस्दीक डीसीपी (स्पेशल सेल) प्रमोद खुशवा ने की है और आईएएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शिकायत पर अधिकारियों ने ओफीशियल सीक्रेट एक्ट अधिनियम की धारा 3 और 5 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है

Update: 2018-02-09 03:22 GMT

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी  के लिए जासूसी करने और उसको खूफिया दस्तावेज मुहैया कराने के इल्जाम में  एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को गिरफ्तार किया है.

ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह की गिरफ्तारी की तस्दीक डीसीपी (स्पेशल सेल) प्रमोद खुशवा ने की है और आईएएफ के एक सिनियर ओफिसर ने शिकायत पर अधिकारियों ने ओफीशियल सीक्रेट एक्ट  अधिनियम की धारा 3 और 5 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ महीने पहले ISI के एक एजेंट ने अरुण मारवाह से संपर्क किया था. इसके बाद दोनों में फोन पर लगातार चैटिंग होने लगी. 

जानकारी के अनुसार, इस दौरान दोनों ने एक दूसरे को मैसेज भेजे. लड़की बनकर कैप्टन अरुण मारवाह को पूरी तरह अपने जाल में फंसाने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी एजेंट ने उनसे कई गोपनीय दस्तावेजों की मांग की.
सूत्रों का कहना है कि 51 साल मारवाह ने कथित तौर पर वायुसेना मुख्यालय में  गोपनीय दस्तावेजों की तस्वीरें क्लिक करने और व्हाट्सएप के माध्यम से उन्हें भेजने के लिए स्मार्ट फोन का इस्तेमाल किया था।कैप्टन अरुण मारवाह ने कुछ गोपनीय दस्तावेज उस पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी एजेंट को मुहैया कराये.
कुछ हफ्ते पहले एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी को इस मामले की जानकारी मिली और उन्होंने कैप्टन अरुण मारवाह पर आंतरिक जांच बैठा दी. जांच के दौरान मारवाह की जासूसी में संलिप्तता पाई गई. इसके बाद एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से इसकी शिकायत की.
पुलिस अधिकारी अमूल्य पटनायक ने स्पेशल सेल को इसकी जांच सौंप दी, जिसके बाद स्पेशल सेल ने कल (गुरुवार) की सुबह मुकदमा दर्ज कर अरुण मारवाह को गिरफ्तार कर लिया. कल दोपहर बाद उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सहरावत की अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया गया. 
फिलहाल स्पेशल सेल ने आरोपी का मोबाइल जब्त कर लिया है. स्पेशल सेल कैप्टन से पूछताछ कर लड़की बनकर भेंट करने वाले आइएसआइ एजेंट व कौन-कौन से गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया कराए गए हैं, इस बारे में पता लगा रही है.

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