सफाई कर्मचारी संघ की हड़ताल में शामिल हुए पालिका कर्मी,शुक्रवार से नहीं खुलेगा नगरपालिका का ताला

50 वार्डों में सफाई कार्य ठप पड़ा होने से गन्दगी और कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं। गुरुवार को हड़ताल को दस दिन बीत गये।

Update: 2018-01-18 16:16 GMT
मुजफ्फरनगर: नगरपालिका परिषद् में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल पर बना गतिरोध खत्म होने की कगार पर पहुंचकर दम तोड़ गया। तीन घंटे की मैराथन वार्ता के बाद भी नतीजा वही ढाक के तीन पात नजर आया। सफाई कर्मचारी संघ ने वार्ता का बहिष्कार कर हड़ताल पर कायम रहने का ऐलान किया, तो वहीं संघ के साथ पालिकाकर्मियों ने भी शुक्रवार से पालिका में कामबन्द हड़ताल की घोषणा कर दी। शुक्रवार को पालिका का ताला नहीं खुलेगा। इससे पालिका प्रशासन के समक्ष राजस्व वसूली की चुनौती पैदा होने के साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाना 'यक्ष प्रश्न' बन गया है।  
बता दें कि सफाई कर्मचारी संघ ने 21 मांगों को लेकर नौ जनवरी से कामबन्द हड़ताल कर रखी है। 50 वार्डों में सफाई कार्य ठप पड़ा होने से गन्दगी और कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं। गुरुवार को हड़ताल को दस दिन बीत गये। सफाई कर्मचारी संघ ने अपने आंदोलन के लिए पालिका के कर्मचारियों से भी समर्थन की मांग की थी। इस सम्बंध में पालिकाकर्मियों के दोनों संगठनों ने सफाई कर्मचारियों के आंदोलन में कूदने का ऐलान किया। स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ के पालिका शाखा के अध्यक्ष गोपाल त्यागी व महामंत्री तनवीर आलम की ओर से ईओ विकास सेन के नाम दिये गये नोटिस में कहा गया है कि सफाई कर्मचारी संघ के 21 सूत्री मांग पत्र को लेकर हुई हड़ताल का हल ढूंढने के लिए 15 जनवरी को महासंघ ने ईओ से वार्ता की थी, परन्तु पालिका प्रशासन की उदासीनता के कारण कोई समाधान नहीं निकला, वहीं स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के शाखा अध्यक्ष मुकेश कुमार शर्मा व महामंत्री कुलदीप कुमार की ओर से दिये गये नोटिस में यही उल्लेख करते हुए 19 जनवरी से सफाई कर्मियों की समस्या का समाधान होने तक पालिका में कामबन्द हड़ताल करने की चेतावनी दी गई है। इस पर ईओ विकास सेन ने गुरुवार शाम करीब चार बजे सफाई कर्मचारी संघ, स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठनों के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया। इस वार्ता में सभासद राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, अरविन्द धनगर, नरेश चन्द मित्तल, नरेश खटीक, राजकुमार, सभासदपति बिजेन्द्र पाल, मुनीश कुमार, मनोज शर्मा भी मौजूद रहे। करीब तीन घंटे चली इस वार्ता में ईओ ने सफाई कर्मियों को बोनस के रूप में पहली किस्त में 15 लाख रुपये, ठेका कर्मियों को दो माह का वेतन और संविदा कर्मियों को एक प्रतिशत एरियर का भुगतान करने पर सहमति जताई, इस पर संघ नेता समझौते को तैयार हो गये, लेकिन ईओ संविदा कर्मियों का हड़ताल के दस दिनों का वेतन काटने और ठेका निरस्त करने की शर्त पर कायम रहने की बात कहीं तो समझौता विफल हो गया। काफी प्रत्यन के बाद भी ईओ अपनी कार्यवाही पर अडिग रहे। संघ महामंत्री मदनलाल ने बताया कि इस पर वार्ता का बहिष्कार कर हड़ताल पर कायम रहने का ऐलान कर दिया गया। स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ के गोपाल त्यागी ने बताया कि वार्ता विफल होने पर पालिका कर्मचारी शुक्रवार को काम पर नहीं लौटेंगे। मदनलाल ने कहा कि शनिवार से एटूजेड प्लांट को भी नहीं चलने दिया जायेगा, प्लांट के सफाई कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल होंगे। उन्होंने पालिका प्रशासन पर हठधर्मी करने के आरोप लगाकर रोष जताया। ईओ विकास सेन का कहना है कि संघ की काफी शर्तें मानी गयी थी, लेकिन जो कार्यवाही की जा चुकी है, उसको वापस लेना असंभव है।

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