इजरायल और भारत की दोस्ती के कूटनीतिक अर्थ
इजरायल ने भारत में 436 करोड़ का निवेश करने का वादा किया है यह बहुत अच्छी बात है। भारत के प्रधानमंत्री ने देश की विदेश नीति का नया इतिहास बनाते हुए पिछले वर्ष इजरायल की यात्रा की थी।
नई दिल्ली :14 जनवरी को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष इजरायल की यात्रा की थी. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला इजरायल दौरा था. 1992 तक तो भारत ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध ही नहीं बनाए थे. तो समझा जा सकता है कि गुजरते वक्त के साथ दोनों देशों के बीच संबंध किस तरह से मजबूत हो रहे हैं.
इजरायल ने भारत में 436 करोड़ का निवेश करने का वादा किया है यह बहुत अच्छी बात है। भारत के प्रधानमंत्री ने देश की विदेश नीति का नया इतिहास बनाते हुए पिछले वर्ष इजरायल की यात्रा की थी। उस समय भारत और इजरायल ने कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय समझौते भी किये थे। अब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को यरुशलम को इजरायल की राजधानी की मान्यता दिलाना है। अब तक सिर्फ अमेरिका ने इस बारे मेंपहल की है और अपने दूतावास को तेल अवीब से यरुशलम स्थानांतरित करने की घोषणा कर दी। इस पर पूरी दुनिया में बवाल मचा है। अरब राष्ट्र तो इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया था जिसमे यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर अमेरिका के प्रस्ताव की आलोचना की गयी थी। बेंजामिन नेतन्याहू अब यरुशलम पर समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।