हैदराबाद की हवा में वामपंथ का चिंतन
बहरहाल, अभी तक हाथ उठाकर और मुट्ठी तानकर लाल झंडा वाले अपने फैसले करते रहे है लेकिन आंध्र प्रदेश की हवा का असर ऐसा पड़ा कि उन्हें गुप्त मतदान के बारे में भी सोचना पड़ रहा है। यहां पर चन्द्रबाबू नायडू की राजनीति भी कुछ इसी तरह की रही है कि कूटनीति के बिना सत्ता नहीं हासिल की जा सकती है। प्रकाश करात और सीताराम येचुरी में यही कूटनीति चल रही है। देखना यह है कि माकपा को उबारने का श्रेय कौन ले जाता है?;
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