तुम भी मेरे साथ चलो

मेरी कविता संग्रह "तुम भी मेरे साथ चलो" से एक कविता, शीर्षक है "टूटना नहीं" आज के लिए आप सभी के सम्मुख

Update: 2019-07-11 04:32 GMT

मेरी कविता संग्रह "तुम भी मेरे साथ चलो" से एक कविता, शीर्षक है "टूटना नहीं" आज के लिए आप सभी के सम्मुख -

टूटना नहीं

बिल्कुल भी

तुझे टूटना नहीं है।

टूटेगा तो

टूटेंगे तेरे अरमान

टूटेगी तेरी

हर सुबह और शाम।

जिंदगी

घने कोहरे में बदल जाएगी,

हर नजर तेरी

घोर अँधेरा पाएगी।

ये दुनिया

तेरी हँसी उड़ाएगी,

हर बात

तुझ पर कहर ढाएगी।

इसलिए

हिमालय की तरह

तुझे अडिग रहना है,

तुझे आज आँधी और तूफान के

हर आघात को सहना है।

© रमेश पोखरियाल 'निशंक'

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