खेत में जलाई पराली तो किसान को नहीं मिलेगा इस बड़ी योजना का लाभ

इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से पराली जलाने वाले किसानों को लेकर राज्य सरकारों को चिट्ठी भी लिखी गई है।

Update: 2024-05-10 06:39 GMT

नई दिल्ली। धान और गेहूं की फसल की कटाई करने के बाद बाकी बचे उसके अवशेषों को खेत में ही जलाने वाले किसानों को केंद्र सरकार ने एमएसपी का लाभ नहीं देने का ऐलान किया है। इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से पराली जलाने वाले किसानों को लेकर राज्य सरकारों को चिट्ठी भी लिखी गई है।

केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की अगवाई वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2023 में दिए गए फैसले को आधार बनाते हुए धान और गेहूं के फसल की कटाई करने के बाद बाकी बचे उसके अवशेषों के रूप में पराली जलाने वालों को एमएसपी का लाभ नहीं देने का फैसला लिया है।

पराली जलाने वाले किसानों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को लिखकर भेजी गई चिट्ठी में इस बात का जिक्र किया गया है कि खेत में पराली जलाने वाले किसानों को इस साल से न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात एमएसपी का लाभ देने से वंचित किया जाए। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान समेत देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से इसे जल्द से जल्द लागू करते हुए इसकी स्टेटस रिपोर्ट केंद्र को सौंपने को कहा है।

सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में सबसे अधिक धान की खेती होती है। इस साल 31.54 लाख हेक्टेयर धान की खेती बढ़ाने का अनुमान है जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। ऐसे में पराली जलाने से होने वाले नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से पराली जलाने वाले किसानों को एमएसपी के लाभ से वंचित रखने का बंदोबस्त किया गया है।

Tags:    

Similar News