15वें वित्त आयोग ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की

वित्त आयोग ने रक्षा मंत्रालय को आश्वासन दिया कि वह मंत्रालय की समग्र पूंजी को बढ़ाने, पूर्वानुमान लगाने में मदद और अपनी रक्षा तैयारियों में मदद करने संबंधी सुझावों को ध्यान में रखेगा।

Update: 2019-08-31 07:51 GMT
The Union Minister for Defence, Rajnath Singh in a meeting with the Chairman of the 15th Finance Commission, N.K. Singh, in New Delhi

वित्त आयोग ने रक्षा मंत्रालय को आश्वासन दिया कि वह मंत्रालय की समग्र पूंजी को बढ़ाने, पूर्वानुमान लगाने में मदद और अपनी रक्षा तैयारियों में मदद करने संबंधी सुझावों को ध्यान में रखेगा।



नई दिल्ली । वित्त आयोग अध्यक्ष एन.के. सिंह की अध्यक्षता में पन्द्रहवें वित्त आयोग ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की। बैठक के दौरान रक्षा मंत्रालयने 2020-2025 की अवधि के लिए अपने फंड का अनुमान दिया, जो कि 15वें वित्त आयोग के फैसले की अवधि भी है। मंत्रालय ने अनुमानों की तुलना में रक्षा मंत्रालय के लिए आवंटित बजट के बारे में आयोग को सूचित किया।




 



रक्षा मंत्रालय केअधिकारियों ने आयोग को बताया कि वह धन के अनेक वैकल्पिक स्रोतों का पता लगा रहा है।
वित्त आयोग ने रक्षा मंत्रालय को आश्वासन दिया कि वह मंत्रालय की समग्र पूंजी को बढ़ाने, पूर्वानुमान लगाने में मदद और अपनी रक्षा तैयारियों में मदद करने संबंधी सुझावों को ध्यान में रखेगा।



उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय द्वारा 29 जुलाई, 2019 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए एक आदेश के बाद एक अधिसूचना लाई गई थी। इस आदेश द्वारा, 15वें वित्त आयोग के कार्यक्षेत्र और उसके दायरे (टीओआर) में संशोधन किया गया था और अनुच्छेद 9एको टीओआर के दायरे में शामिल किया गया था। "आयोग यह भी जाँच करेगा कि क्या रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के वित्तपोषण के लिए एक अलग तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए? , और यदि हां, तो इस तरह के तंत्र का संचालन कैसे किया जा सकता है।"



संशोधित टीओआर के बाद यह बैठक आयोजित की गई थी। इसमें नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन)  सुभाष चंद्रा, सचिव (भूतपूर्व सैनिक कल्याण)  संजीवनी कुट्टी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी, सचिव (रक्षा वित्त)  गार्गी कौल, थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू, वायु सेना उप-प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया और महानिदेशक, तटरक्षक कृष्णस्वामी नटराजन और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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