मोदी मं​त्रिमंडल में शामिल हुए पूर्वांचल के कद्दावर नेता शिव प्रताप शुक्ल

लखनऊ : केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश से मंत्री बनने वाले शिव प्रताप शुक्ल उत्तर प्रदेश में कई बार मंत्री रहे और जिम्मेदारी निभाई। शिव प्रताप शुक्ल उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल खासकर गोरखपुर के आसपास के इलाकों में बीजेपी के अहम नेता माने जाते हैं। सत्तर के दशक में छात्र राजनीति में आने वाले शिव प्रताप शुक्ला ने इमरजेंसी के दौरान 19 महीने की जेल देखी। विधानसभा में भी लगातार चार बार विधायक चुने गए। हारे तो संगठन में सक्रिय हुए। लो प्रोफाइल रहना शिव प्रताप शुक्ला की पहचान माना जता है। शिव प्रताप शुक्ला इस समय ग्रामीण विकास के लिए संसद की स्थाई समिति के सदस्य हैं। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए लगातार चार बार 1989, 1991, 1993 और 1996 में चुने गए।;

Update: 2017-09-03 06:34 GMT
लखनऊ : केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश से मंत्री बनने वाले शिव प्रताप शुक्ल उत्तर प्रदेश में कई बार मंत्री रहे और जिम्मेदारी निभाई। शिव प्रताप शुक्ल उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल खासकर गोरखपुर के आसपास के इलाकों में बीजेपी के अहम नेता माने जाते हैं।
सत्तर के दशक में छात्र राजनीति में आने वाले शिव प्रताप शुक्ला ने इमरजेंसी के दौरान 19 महीने की जेल देखी। विधानसभा में भी लगातार चार बार विधायक चुने गए। हारे तो संगठन में सक्रिय हुए। लो प्रोफाइल रहना शिव प्रताप शुक्ला की पहचान माना जता है। शिव प्रताप शुक्ला इस समय ग्रामीण विकास के लिए संसद की स्थाई समिति के सदस्य हैं। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए लगातार चार बार 1989, 1991, 1993 और 1996 में चुने गए। 
बीजेपी सरकारों में उन्होंने मंत्री रहते हुए कई विभागों की जिम्मेदारी संभाली। ग्रामीण विकास, शिक्षा और जेल सुधार की दिशा में किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है। एक अप्रैल 1952 को उत्तर प्रदेश के खजनी में शिव प्रताप शुक्ला का जन्म हुआ। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। परिवार में उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटिया हैं। 1970 में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक करियर की शुरुआत की। छात्र आन्दोलन के दौरान शिव प्रताप शुक्ला कई बार जेल भी गए। फिर 1981 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रांतीय सचिव चुने गए। 
इमरजेंसी के दौरान शिव प्रताप शुक्ला भी मीसा के तहत गिरफ्तार किए गए थे। वह 26 जून 1975 से 1977 तक करीब 19 महीने जेल में रहे। विधानसभा के सफर की बात करें तो शिव प्रताप शुक्ला पहली बार 1989 में गोरखपुर शहर से बीजेपी के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद वह 1991, 1993 और 1996 में लगातार विधायक चुने गए। इस दौरान बीजेपी सरकारों में उन्हें मंत्री पद की भी जिम्मेदारी मिली। 
लेकिन 2002 में हार के बाद वह संगठन में सक्रिय हो गए। बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में शिव प्रताप ने अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाईं। संगठन में उनके कार्यों का ही असर रहा कि पिछले साल 2016 में ही पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया।

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