हाथरस में तैरता सवाल - कप्तान पर कार्यवाही तो DM दंडित क्यों नही

हाथरस के डीएम और कप्तान कर कार्यवाही जरूर होगी लेकिन देर रात कप्तान पर तो कार्यवाही कर दी गयी मगर डीएम को दंडित नही किया गया । जिस को लेकर चर्चाएं जारी है।

Update: 2020-10-03 09:35 GMT

हाथरस। हाथरस गैंगरेप की घटना ने तूल पकड़ा हुआ है। सियासी दलों के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर रोष जताया जा रहा है। इस घटना पर पुलिस प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही थी तो माना जाने लगा था कि हाथरस के डीएम और कप्तान कर कार्यवाही जरूर होगी लेकिन देर रात कप्तान पर तो कार्यवाही कर दी गयी मगर डीएम को दंडित नही किया गया, जिसको लेकर चर्चाएं जारी है। जबकि आज अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद के सामने भी पीड़ित परिवार ने एसपी के बजाय डीएम की शिकायतें रखी है।  

गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस के एक गांव में दलित लड़की के साथ एक घटना हुई थी। जिसमे पुलिस ने किस्तो में कार्यवाही करते हुए पीड़िता के मरने तक लापरवाही की, जिसका नतीजा आया कि तीन दिन पहले पीड़िता ने दम तोड़ दिया।

पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के कारण इस घटना में हुई चूक का नतीजा रहा कि परिवार , विपक्ष के साथ साथ सामाजिक संगठन सड़क पर आ गए और मीडिया ने इसका संज्ञान लिया तो हाथरस डीएम और एसपी की आंख खुली। मगर हाथरस पुलिस प्रशासन यहां उस समय फेल हो गया जब उसने आनन फानन में जिस तरह रात को उसके परिवार के बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया । उसमे काढ़ में खाज यह हुआ कि डीएम प्रवीण कुमार और अन्य अफसरों ने दावा कर दिया कि अंतिम संस्कार परिजनों की मर्जी से हुआ। परिजनों  ने पुलिस प्रशासन के दावों को लौ फटते ही खोल दिया जब उन्होंने कहा कि हमारी मर्जी के खिलाफ अंतिम संस्कार किया गया है।


पुलिस प्रशासन की चूक यही तक नही रही। घटना के अगले दिन डीएम पीड़िता के घर गए और उन्हें मीडिया से दूर रहने एंव उन पर दबाव बनाने का उनका वीडियो वायरल हो गया। नतीजा रहा कि यूपी की योगी सरकार पर तमाम विपक्ष हमलावर हो गया। डीएम ने यहीं तक किरकिरी नही कराई उन्होंने पीड़िता के गांव में मीडिया की नो एंट्री कर दी। मीडिया ने इस पर लाइव चलाना शुरू किया तो योगी सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखाई दे रही थी। शाम होते होते सरकार जागी तो गाज़ गिरी पुलिस कप्तान विक्रान्तवीर और उनके 6 पुलिस अफसरों पर, सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।

सस्पेंड की आशंका तो शाम को ही लगने लगी थी मगर कार्यवाही अकेले कप्तान पर कर दी गयी जबकि इस पूरे मामले में डीएम प्रवीण कुमार की चूक सबसे ज्यादा मानी जा रही थी । उन पर अभी कार्यवाही नही करना चर्चा का विषय बना हुआ है। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने आईपीएस एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा है कि वह हाथरस के जिलाधिकारी को निलंबित किये जाने के लिये हस्तक्षेप करे।

यूपी एसोसिएशन तथा सेंट्रल आईपीएस एसोसिएशन को भेजे पत्र में अमिताभ ने कहा कि पुलिस अफसरों पर कार्यवाही अपेक्षित थी, लेकिन साथ ही इस मामले में डीएम हाथरस प्रवीण कुमार लक्षकार के खिलाफ भी अत्यंत प्रतिकूल तथ्य मीडिया व सोशल मीडिया से सामने आ रहे हैं, जिसमे उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से पीडिता के परिवार को धमकी देने जैसे गंभीर आरोप तक शामिल हैं।

उन्होंने आईपीएस एसोसिएशन को इन तथ्यों को शासन को अवगत कराते हुए विभिन्न सेवाओं में समानता एवं न्याय के सिद्धांत के अनुसार इस प्रकरण में मौजूदा डीएम हाथरस के विरुद्ध भी निलंबन सहित अन्य समतुल्य कार्यवाही किये जाने के लिये पत्राचार करने का अनुरोध किया है।

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