डाक्टरों की मांग- लोकनायक अस्पताल में हो सामान्य रोगियों का उपचार

अस्पतालों की रेजिडेन्ड डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा़ केशव सिंह ने लोकनायक अस्प्ताल के चिकित्सा निदेशक को आज पत्र लिखकर।

Update: 2020-10-15 09:01 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के सबसे बड़े कोविड 19 अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के रेजिडेन्ट डाक्टरों ने एमबीबीएस और एमडी के छात्रों की पढाई तथा प्रशिक्षण के नुकसान और सामान्य रोगियों को हो रही सुविधा के मद्देनजर अस्पताल में सामान्य रोगों का उपचार शुरू किये जाने की मांग की है।

मौलाना आजाद कालेज और संबद्ध अस्पतालों की रेजिडेन्ड डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा़ केशव सिंह ने लोकनायक अस्प्ताल के चिकित्सा निदेशक को आज पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना महामारी के कारण समाज को व्यापक स्तर पर भारी नुकसान हुआ है। सभी इसके कारण सामाजिक , भावनात्मक, वित्त, और शैक्षिणक स्तर पर प्रभावित हुए है। सरकार ने सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से सिलसिलेवार कदम उठाये है जो सराहनीय है।

एसोसिएशन ने कहा है कि लोकनायक अभी भी कोविड अस्पताल के रूप में काम कर रहा है। यह महामारी शुरू होने

से पहले अस्पताल में हर रोज नौ हजार रोगियों के ओपीडी में उपचार के साथ करीब दो सौ सर्जरी की जा रही थी। यह किसी भी सरकारी अस्पताल के लिए बहुत बड़ी संख्या है। अस्पताल की सेवाएं केवल कोरोना मरीजों तक सीमित करने से आम लोग स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।

रेजिडेन्ट डाक्टरों ने कहा है कि साथ ही यहां यह भी बात ध्यान देने योग्य है कि मौलाना आजाद मेडिकल कालेज से संबद्ध होने के कारण लोकनायक एक प्रमुख शैक्षिणक अस्पताल है और हजारों एमबीबीएस तथा एमडी छात्र यहां हर वर्ष प्रशिक्षण लेते हैं। इस अस्पताल को केवल कोरोना रोगियों के उपचार तक सीमित रखने से इन छात्रों की पढाई और प्रशिक्षण में बाधा आ रही है।

ऐसोसिएशन ने कहा है कि शहर और देश को जरूरत के समय अस्पताल के रेजिडेन्ट डाक्टरों ने समर्पण तथा गौरव

के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया । डाक्टर अभी भी और भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ समाज की सेवा करते रहेंगे । लेकिन अब इस अस्पताल में कोरोना से इतर रोगों का उपचार शुरू कर दिया जाना चाहिए। इससे आम लोगों को तो फायदा होगा ही छात्रों की पढाई तथा प्रशिक्षण शुरू हो सकेगा। डाक्टरों का कौशल बढने से भविष्य में समाज की ही भलाई होगी । ऐसोसिएशन ने चिकित्सा निदेशक से इस दिशा में जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया है।

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