मुजफ्फरनगर: 2.5 LAC लीटर से अधिक सैनिटाइजर का हुआ उत्पादन,जुटाया राजस्व

चार इकाईयों द्वारा अब तक उत्पादित 2.62 लाख लीटर में से 1.09 लाख लीटर सैनिटाइजर दूसरे राज्यों में सप्लाई किया गया है।

Update: 2020-09-28 11:24 GMT

मुजफ्फरनगर। कोरोना संकट में आर्थिक चुनौतियों से निकलकर आज उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण को थामने के लिए देश में अचानक ही हर खास व आम के जीवन का अंग बन चुके सैनिटाइजर के निर्माण में राज्य ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस क्षेत्र में यूपी सरकार ने एक सटीक कार्ययोजना के साथ काम किया और आज सैनिटाइजर निर्माण में देश के प्रमुख और बड़े राज्यों के साथ ही दक्षिण भारत तक यूपी सैनिटाइजर की सप्लाई चैन बना चुका है।

सैनिटाइजर निर्माण के लिए राज्य की इस आत्मनिर्भरता में मुजफ्फरनगर जनपद का भी बड़ा योगदान रहा है। यहां पर 14 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाली चार इकाईयों द्वारा सैनिटाइजन कर निर्माण करते हुए यूपी के साथ-साथ देश के 13 राज्यों में सप्लाई की जा रही है। इन चार इकाईयों द्वारा अब तक उत्पादित 2.62 लाख लीटर सैनिटाइजर में से 1.09 लाख लीटर सैनिटाइजर दूसरे राज्यों में सप्लाई किया गया है।

गौरतलब है कि जब कोरोना संकट में सेनिटाइजर निर्माण की बात आयी तो मुज़फ्फरनगर में स्थानीय स्तर पर डीएम सेल्वा कुमारी जे के निर्देशन में आबकारी अधिकारी उदय प्रकाश ने अपने प्रयास शुरू कर दिए। दरअसल सेनिटाइजर बनाने के लिए सबसे पहले तो लाइसेंस की समस्या पैदा हुई जिसको आबकारी  विभाग ने डीएम से संस्तुति कराकर दो दिन में शासन को प्रस्ताव भेज दिया। उधर आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसररेड्डी भी इसको लेकर काफी सक्रिय थे तभी तो महीनो शासन में पड़ी रहने वाली लाइसेंस फाइल पर तीन दिन में शासन से अनुमोदन होकर आ गया, जिससे सेनिटाइजर बनाने का रास्ता शुरू हो गया। सैनिटाइजर निर्माण में सफलता यूँही नहीं मिली, खुद डीएम सेल्वा कुमारी जे और आबकारी अधिकारी उदय प्रकाश ने निर्माण करने वाली कंपनियों को लेबर उपलध कराने के साथ साथ ड्रग्स एन्ड केमिस्ट एसोसिएशन का भी सहयोग लिया। जिस कारण मुज़फ्फरनगर में सेनिटाइजर का उत्पादन शुरू होने के साथ साथ बिक्री भी बड़े पैमाने पर शुरू हो सकी। 

उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी के अनुसार मार्च 2020 में करीब 50 उत्पादन इकाइयां रोजाना 60 हजार लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन करती थीं, लेकिन मांग बढ़ने के बाद कुछ और चीनी मिलें, डिस्टिलरी व अन्य संस्थाओं को अनुमति दी गई, जिससे सेनिटाइजर का प्रोडक्शन राज्य में 2 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया। आज देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 85 चीनी मिलें, 12 डिस्टिलरी, 37 कंपनियां और 9 अन्य संस्थाएं प्रतिदिन 2 लाख लीटर सैनिटाइजर का निर्माण कर रही हैं। लॉकडाउन के बाद से राज्य हरियाणा में सबसे ज्यादा सैनिटाइजर की खपत हुई। इस राज्य को यूपी से 4.11 लाख लीटर सैनिटाइजर की सप्लाई की जा चुकी है। इसके अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक में बड़ी मात्रा में सेनिटाइजर सप्लाई किया गया है।

जनपद मुजफ्फरनगर में सैनिटाइजर उत्पादन की बात करें तो इसके लिए लाॅक डाउन के पहले ही चरण में कदम आगे बढ़ा दिये गये थे। जिला आबकारी अधिकारी उदय प्रकाश बताते हैं, ''सैनिटाइजर निर्माण के लिए जनपद मुजफ्फरनगर में त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लि. डिस्टिलरी यूनिट, स्वेगा लेबोरेट्रीज मेरठ रोड, अकासिया प्रोडक्ट्स भोपा रोड और सर शादीलाल डिस्टिलरी एंड कैमिकल्स वक्र्स मंसूरपुर को लाईसेंस मिला और यह इकाईयां सैनिटाइजर उत्पादन के इस अभियान में शामिल हो गई। मुजफ्फरनगर में सबसे पहला लाइसेंस अकासिया प्रोडक्ट्स भोपा रोड को 27 मार्च 2020 को जारी किया गया। इसके बाद शेष तीनों इकाईयों का लाइसेंस इसके दो दिन बाद 29 मार्च को जारी करा दिया गया था।

उदय प्रकाश के अनुसार, 25 सितम्बर 2020 तक त्रिवेणी इंजीनियरिंग मुजफ्फरनगर द्वारा 2 लाख 15 हजार 944 लीटर, स्वैगा लेबोरेट्रीज द्वारा 7 हजार 131 लीटर, अकासिया प्रोडक्ट्स द्वारा 3 हजार 256 लीटर और सर शादीलाल डिस्टिलरी एंड कैमिकल्स वक्र्स मंसूरपुर द्वारा 35 हजार 710 लीटर सैनिटाइजर उत्पादन किया जा चुका है। मुजफ्फरनगर जनपद में सैनिटाइजर का निर्माण कर रही चार इकाईयों द्वारा नई दिल्ली, हरियाणा, जम्मू एंड कश्मीर, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, चंडीगढ और आसाम कुल 13 राज्यों में सप्लाई चैन बनाकर आपूर्ति की जा रही है। जिला आबकारी अधिकारी के अनुसार, जनपद मुजफ्फरनगर में इन चार इकाईयों द्वारा अब तक 01 लाख 09 हजार 565 लीटर सैनिटाइजर की सप्लाई यूपी से बाहर उपरोक्त राज्यों को की गयी है। जबकि इन चार इकाईयों द्वारा अब तक 02 लाख 62 हजार 40 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन किया जा चुका है।

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