ईदगाह में ईद उल अजहा की नमाज पर नहीं बनी बात

समाज सेवी संगठनों के पदाधिकारियों एवं मुस्लिम जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था

Update: 2021-07-16 13:21 GMT

मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से ईद उल अजहा की व्यवस्थाओं और सुरक्षा को लेकर आयोजित की गई बैठक में ईद पर बिजली, पानी और साफ सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त कराए जाने की मांग की गई। कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ईद उल अजहा की नमाज ईदगाह पर अदा करने की अनुमति देने का आग्रह भी प्रशासन से किया गया। बिजली, पानी, सफाई और अन्य व्यवस्थाओं को पूरा करने का आश्वासन तो प्रशासन की ओर से दिया गया। लेकिन ईदगाह पर नमाज अदा करने की बाबत कोई निर्णय नहीं हो सका।

शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित चैधरी चरण सिंह सभागार में 21 जुलाई को मनाए जाने वाले ईद उल अजहा के त्योहार को लेकर मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव द्वारा व्यवस्थाओं को लेकर गंभीरता के साथ विस्तृत चर्चा की गई बैठक में प्रशासन की ओर से समाज सेवी संगठनों के पदाधिकारियों एवं मुस्लिम जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था। इस दौरान बैठक में उपस्थित हुए लोगों ने पुलिस व प्रशासन के सम्मुख अपनी बातें गंभीरता के साथ रखी। बैठक में ईद के दिन बिजली, पानी और साफ सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त कराए जाने के साथ ईदगाह पर ईद उल अजहा की नमाज की अनुमति देने की मांग उठाई गई। बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि शहरी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से पानी की किल्लत बनी हुई है। बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के संसाधन विहीन होने के कारण साफ-सफाई को लेकर भी उपस्थित लोगों की ओर से शिकायत की गई। उपस्थित लोगों ने शहर के मोहल्ला किदवई नगर, रहमत नगर और खालापार में पानी की आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने तथा ईद उल अजहा के दिन कुर्बानी के जानवरों के अवशेष और पशुओं के आवागमन में लोगों को परेशान ना किए जाने तथा उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करने का मुद्दा भी उठाया गया। जमीयत उलमा हिंद के पदाधिकारी नजर मोहम्मद ने गांव बरला और खेड़ी सराय के मामले को उठाते हुए कहा कि बरला में पूर्व में कुर्बानी नहीं होती थी। लेकिन दो दशक से ज्यादा समय से वहां पर कुर्बानी हो रही है। 2 वर्ष पूर्व बरला में कुर्बानी के बाद असामाजिक तत्वों की हरकत के कारण माहौल गरमा गया था। इसके अलावा खेडी सराय गांव में कुर्बानी नहीं होती है। दूसरे गांव में कुर्बानी करने के बाद मुस्लिम समाज के लोग वापस लौटते हैं तो उनका कुतुबपुर नहर पुल से ही आवागमन होता है। यहां पर भी तनाव की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने और मिश्रित आबादी वाले शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही मुख्य सड़कों पर स्थित धार्मिक स्थलों पर फोर्स तैनात किए जाने की मांग की। शहर की सड़कों पर अतिक्रमण का मुद्दा भी बैठक के दौरान उठाया गया। बैठक में बीडीओ आलोक यादव, एडीएम प्रशासन अमित सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार, एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय, एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार सिंह, सीओ सिटी कुलदीप कुमार, एसडीएम खतौली इंद्र कांत द्विवेदी, एसडीएम बुढ़ाना अजय अंबष्ट के अलावा कारी खालिद जाहिद, मुफ्ती जुल्फिकार, महबूब आलम, मुजस्सिम एडवोकेट, नजर मोहम्मद, सलीम मलिक, शाहनवाज आफताब, सभासद अब्दुल सत्तार मंसूरी, नदीम खान, गयूर, नौशाद कुरेशी, कारी हुसैन अहमद, मौलाना ताहिर, कारी सलीम अहमद, गौहर सिद्दीकी आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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