गंगा खतरे के निशान से ऊपर-बाढ़ के हालात-ADMF ने किया निरीक्षण

लगातार छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के चलते गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 1 मीटर अधिक हो गया है।

Update: 2021-06-20 09:04 GMT

मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड के हरिद्वार से लगातार छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के चलते गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 1 मीटर अधिक हो गया है। शुकतीर्थ के खादर क्षेत्र के जंगल और कई गांव में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं। एडीएमएफ और एसडीएम जानसठ ने आज अधीनस्थों के साथ जीवनपुरी गांव पहुंचकर हालातों का निरीक्षण किया और कर्मचारियों को हालातों से निपटने के लिये तैयार रहने के निर्देश दिये।

रविवार को एडीएमएफ आलोक कुमार और एसडीएम जानसठ जयेंद्र कुमार राजस्व विभाग की टीम को साथ लेकर जानसठ तहसील क्षेत्र के बैराज व तटबंधों का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। प्रशासन के दोनों आला अधिकारियों ने राजस्व विभाग की टीम के साथ गंगा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने राजस्व विभाग की टीम को किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि हरिद्वार से लगातार छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी की वजह से गंगा बैराज नदी का जलस्तर रात्रि में खतरे के निशान से 1 मीटर अधिक हो गया है। बैराज पर हरिद्वार से की ओर से बड़ी संख्या में वन गुर्जरों के गाय, भैंस के साथ ही वन्य जीव-जंतु भी जलधारा में फंसकर बहते हुए आ रहे हैं। राहत कार्य शुरू करते हुए बैराज पर बड़ी संख्या में पानी में बहकर आ रहे पशुओं को निकाला भी गया है।

चौधरीचरण सिंह मध्य गंगा बैराज पर रात्रि 9 बजे गंगा का जलस्तर 221 मीटर के पार पहुंच गया है। यदि पानी 50 सेंटीमीटर और बढा तो बैराज के अधिकतम स्तर को छू लेगा। इससे गंगा बैराज को भी खतरा होने की आशंका बन सकती है। रात में 9 बजे गंगा बैराज से 4.06 लाख क्यूसेक पानी का निस्तारण आगे हस्तिनापुर की ओर किया गया है। जबकि पीछे हरिद्वार की ओर से 359294 क्यूसेक पानी बैराज की और आया। देर शाम शुकतीर्थ में भी गंगा का जलस्तर बहुत बढ़ गया है और घाट पर लगी कर्मकांड कराने वाले पंडितों की चैकियां भी पानी में डूब गई हैं।

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